राजेन्द्र पराशर
भोपाल। विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की सूची जारी करने के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के रूठों ने नेताओं की चिंता बढ़ा दी है। दोनों ही दल एक जैसी स्थिति से गुजर रहे हैं। कई नेता इस्तीफा दे चुके हैं तो कई इस्तीफा देने की धमकी दे रहे हैं। कुछ दल बदल कर गए तो कुछ निर्दलीय रूप में मैदान में उतरने की बात कह रहे हैं।
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अधिकांश प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस की दूसरी और भाजपा की पांचवीं सूची जारी होने के बाद रूठे कार्यकर्ता और टिकट के दावेदारों ने संगठनों के सामने चिंता खड़ी कर दी है। दो दिनों से नाराज चल रहे कार्यकर्ताओं ने प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन तेज कर दिए हैं। इसके चलते अब संगठन के नेताओं की बैठकें भी शुरू हो गई और इन बैठकों में रूठों को मनाने की कवायद की जा रही है। कार्यकर्ताओं का पार्टी मुख्यालय पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन जारी है। रविवार को भी दोनों ही दलों के असंतुष्ट पार्टी कार्यकर्ताओं ने भोपाल स्थित भाजपा और कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर अपनी नाराजगी व्यक्त की। बढ़ते विरोध ने दोनों ही पार्टियों में शीर्ष नेताओं की नींद उड़ा दी है। दोनों ही दलों में नेता दिनभर असंतोश को समाप्त कराने में जुटे रहे। कांग्रेस में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और रणदीप सुरजेवाला ने असंतोष को खत्म करने की रणनीति बनाई। वहीं भाजपा में भूपेंद्र यादव, अश्वनी वैष्णव, वीडी शर्मा जेसे तमाम नेताओं ने रूठों को मनाने के लिए मोर्चा संभाला।
कांग्रेस में भी गोविंदपुरा विधानसभा सीट से बड़ी संख्या में कांग्रेस नेत्री दीप्ति सिंह समर्थक पीसीसी पहुंचे। उन्होंने यहां मुख्यद्वार के बाहर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। ये सभी गोविंदपुरा सीट से रविन्द्र साहू को उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज थे। वहीं भोपाल की दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट पर भी विरोध बरकरार है। नाराज कार्यकर्ताओं ने आज प्रदेश वीडी शर्मा के निवास पर पहुंचकर उनका घेराव किया। उन्होंने टिकट में बदलाव किए जाने की मांग उठाई। इतना ही नहीं उन्होंने सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी भी दी।

निवाड़ी से टिकट की दावेदारी रोशनी यादव भी आज अपने समर्थकों के साथ भोपाल पहुंची। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रणदीप सुजरेवाला से मुलाकात की। वहीं कटनी और बुरहानपुर जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्र के नेताओं ने भी टिकट कटने का विरोध जताया है। वहीं खंडवा में कुंदन मालवीय को कांग्रेस ने 2018 के चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया था। जिसमें उन्हें 19 हजार 137 मतों से हार का सामना करना पड़ा था। वापस टिकट दिए जाने के बाद अब दो दिन के भीतर ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं। यहां अरूण यादव समर्थकों ने प्रत्याशी बदलने की मांग की है।

बुरहानपुर में अर्चना चिटनिश को टिकट दिए जाने के विरोध में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान ने भी अपने समर्थकों के साथ विरोध जताया। उन्होंने कहा कि जनता का सेवक हूं, जनता से चर्चा करूंगा जो मालिक कहेगा वह सेवक करेगा। वहीं निर्दलीय चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो जनता और मालिक कहेंगे वह मैं करूंगा। वरिष्ठ नेताओं से बात करना मैं उचित नहीं समझा, मेरे पास तो किसी का फोन नहीं आया। वहीं सतना जिले की नागौद विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री नागेन्द्र सिंह को टिकट दिए जाने के विरोध में कार्यकर्ता भोपाल स्थित प्रदेश कार्यालय पहुंचे और धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठने वाले कार्यकर्ता पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष गगनेन्द्र प्रताप सिंह के समर्थक थे।

भाजपा में विरोध के स्वर ग्वालियर में भी दिखाई दिए। सिंधिया महल भी इस विरोध से बच नहीं सका। यहां पर भाजपा के मुन्नालाल गोयल समर्थकों ने पहुंचकर प्रदर्शन कर डाला। ग्वालियर की पूर्व विधानसभा सीट से भाजपा ने पूर्व सांसद माया सिंह को टिकट दिया है। बता दें कि इस विधानसभा से सिंधिया के करीबी और समर्थक मुन्नालाल गोयल के नाम की चर्चा चल रही थी। लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काट दिया है। जिससे उनके समर्थकों में खासा रोस है।

टीकमगढ़ विधानसभा से भाजपा के पूर्व विधायक के.के श्रीवास्तव ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। श्रीवास्तव टिकट वितरण से नाराज हो गए है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यहां सर्वे और कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है, जिसके चलते वे व्यथित है। इसलिए पार्टी के सभी दायित्वों से मुक्त होकर अपना इस्तीफा जिला अध्यक्ष को सौंप दिया है। वहीं राजधानी की दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता को टिकट ना दिए जाने का विरोध तेज हो गया है। गुप्ता समर्थकों ने प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर मांग की है कि प्रत्याशी बदला जाए, नहीं तो बड़ी संख्या में इस्तीफे दिए जाएंगे। कुछ पदाधिकारियों ने तो संगठन को अपने इस्तीफे भेज भी दिए हैं।