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नहीं चली गारंटी, परंपरागत सीटों पर भी जीत को तरसी कांग्रेस

डेढ़ सौ पार के लक्ष्य को पाया भाजपा ने, आकांक्षी सीटें भाजपा को कर गई मजबूत

पीपीएम ब्यूरो

भोपाल।मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद यह साफ हो गया कि प्रदेश की जनता ने कांग्रेस की गारंटी पर भरोसा नहीं जताया, बल्कि वर्तमान शिवराज सरकार की योजनाओं पर मोहर लगाई। मोदी की गारंटी का असर भी चुनाव परिणाम पर दिखाई दिया। परिणामों में कांग्रेस अपनी परंपरागत सीटों पर भी जीत के लिए तरसती नजर आई। उसके कई दिग्गजों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद हर कोई इस बात को लेकर आश्चर्यचकित हुआ कि भाजपा की जीत तो तय थी, मगर इस तरह जीतेगी इसका अंदाजा नहीं था। राजनीतिक दलों के अलावा आम आदमी की जुबान पर भी यही बात नजर आई। मगर ऐसा सबकुछ ऐसे ही नहीं हुआ। बल्कि 2018 में भाजपा को मिली हार के बाद जिस तरह से भाजपा संगठन ने राश्टीय नेतृत्व के साथ जीत की रणनीति पर काम किया उसकी सफलता आज दिखाई दी। भाजपा ने प्रदेश में कांग्रेस से कई माहों पहले जमीनी काम शुरू किए थे, उसका नतीजा था कि भाजपा का 160 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल हुई। इस जीत में मोदी मैजिक, मोदी की गारंटी थी तो शिवराज सरकार की उपलब्धियां भी थी, जिसे चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में भाजपा के नेताओं ने जनता के सामना रखा और जनता ने उसे स्वीकारा भी।


नरोत्तम सहित कई मंत्री हारे
शिवराज मंत्रिमंडल के सदस्यों को भी हार का मुंह देखना पड़ा है। राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी दतिया से चुनाव हार गए। इसी तरह बड़वानी से पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल, बदनावर से राजर्धन सिंह दत्तीगांव चुनाव हार गए। बमोरी से पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, कृशि् मंत्री कमल पटेल हरदा से, उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह ग्वालियर ग्रामीण सीट से चुनाव हार गए। वहीं अमरपाटन सीट से पिछड़ा वर्ग राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल, पोहरी से राज्यमंत्री लोकनिर्माण सुरेश धाकड़, परसवाड़ा सीट से राज्यमंत्री रामकिशोर कांवरे, बालाघाट से मंत्री गौरीशंकर बिसेन, खरगापुर से राज्यमंत्री राहुल लोधी चुनाव हारे हैं। वहीं वारासिवनी से खनिज निगम अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल गुड्डा भी चुनाव हार गए।
*सांसद कुलस्ते हारे*
भाजपा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते निवास विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं, लेकिन वह चुनाव हार गए हैं यहां उन्हें कांग्रेस के चैनसिंह वरकडे से करारी हार का सामना करना पड़ा है। फग्गन सिंह कुलस्ते करीब 10 हजार वोटों से हार गए हैं।
*बुदनी से जीते शिवराज*
सीहोर जिले की बुदनी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर उतरे मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान 104974 मतों से चुनाव जीत गए हैं। 22 राउंड तक चली मतगणना में उन्हें कुल 164951 मत हासिल हुए, वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के विक्रम मस्ताल को 59977 वोट मिले। बुदनी में नोटा पर 1700 वोट पड़े। यहां से सपा के टिकट पर स्वामी वैराग्यानंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा ने चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें सिर्फ 134 वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई।
पूर्व मंत्री माया सिंह हारी चुनाव
ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट पर कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने भाजपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री माया सिंह को हराया है। सतीश सिकरवार ने 2020 उप चुनाव में ग्वालियर पूर्व सीट जीती थी।
कांग्रेस के दिग्गज भी नहीं जीते
कांग्रेस के दिग्गज नेता और नेता प्रतिपक्ष डा गोंविंद सिंह को लहार विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा। डा सिंह के अलावा सोनकच्छ से सज्जन सिंह वर्मा, जबलपुर पश्चिम से पूर्व मंत्री तरूण भनोत, खातेगांव से दीपक जोशी, मनासा से नरेन्द्र नाहटा, मंडला से डा अशोक मर्शकोले, मुलताई से सुखदेव पांसे, रतलाम से पारस सखलेचा, राउ से जीतू पटवारी, पूर्व मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा शाजापुर से, पूर्व मंत्री पी सी शर्मा भोपाल दक्षिण-पश्चिम से, पूर्व मंत्री लाखन सिंह भीतरवार से, पवई से पूर्व मंत्री मुकेश नायक, गोटेगांव से पूर्व मंत्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति, शिवपुरी में के पी सिंह कक्काजू, खिलचीपूर से पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह, भिंड से चौधरी राकेश सिंह चुनाव हार गए।
*पहला परिणाम आया कालापीपल से*
विधानसभा चुनाव का पहला नतीजा  शाजापुर के कालापीपल विधानसभा सीट का आया।यहां से कांग्रेस प्रत्याशी कुणाल चौधरी चुनाव हार गए। यहां भाजपा प्रत्याशी घनश्याम चंद्रवंशी ने कांग्रेस के मजबूत कैंडिडेट विधायक कुणाल चौधरी को 11941 वोट से हरा दिया।

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