डॉ0_विजय_शंकर_मिश्र
लखनऊ। अच्छा जीवनसाथी मिल जाने से जीवन सुखी हो जाता है तो आज इसी बारे में बात करते है जीवनसाथी कैसा मिलेगा।क्या भाग्यशाली जीवनसाथी मिलेगा? आपका साथ जीवन साथी कितना साथ निभाएगा सुख दुख में आदि।कुण्डली का 7वा भाव जीवन साथी का है। शुक्र पत्नी का तो गुरु पति का कारक है। अब 7वा भाव और 7वे भाव स्वामी कुंडली मे मजबूत होकर शुभ स्थिति में कुंडली के केंद्र या त्रिकोण भाव मे बैठा हो शुभ ग्रहों के साथ तब जीवन साथी बहुत अच्छे स्वभाव वाले, साथ निभाने वाला, गुणी और संस्कारी मिलेगा जो घर परिवार को आगे बढ़ाएगा। पत्नी ग्रह शुक्र और पति ग्रह गुरु का भी कुंडली मे बलवान होना जरूरी है।अब इसके विपरीत कुंडली का 7वे भाव या 7वे भाव के स्वामी का सम्बन्ध शनि या राहू -केतु या मंगल से होने पर जीवन साथी थोड़ा क्रूर स्वभाव का, गुस्सेल, ज़िद्दी मिलेगा।
शनि और मंगल के प्रभाव से, राहु केतु का सम्बन्ध 7वे भाव से होने पर जीवनसाथी झूठ बोलने वाला थोड़ा ईमानदार साथ निभाने में कम होगा।अब कुछ उदाहरणों से समझते है कब तक होगा विवाह और कैसा मिलेगा जीवनसाथी? उदाहरण अनुसार वृष लग्न1:- वृष लग्न में 7वे भाव का स्वामी मंगल बलवान होकर केंद्र त्रिकोण में बैठे हो और शुक्र या बुध चन्द्र या गुरु के साथ सम्बन्ध में हो तब जीवनसाथी गुणी होगा, संस्कारी होगा, साथ निभाने वाला, आपकी हर स्थिति में आपके साथ खड़ा रहेगा। उदाहरण अनुसार वृश्चिक लग्न2:- वृश्चिक लग्न में 7वे भाव का स्वामी शुक्र मजबूत होकर शनि या राहु केतु मंगल से ही केवल सम्बन्ध में है या हुआ, तब जीवनसाथी स्वभाव क्रूर, कठोर मिलेगा, साथ न निभाने वाला होगा, अगर यह स्थिति 7वे भाव स्वामी की यह स्थिति 6,8,12भाव मे होगी तब बहुत दुष्ट स्वभाव का जीवनसाथी मिलेगा।
उदाहरण अनुसार धनु लग्न3:- धनु लग्न में 7वे भाव का स्वामी बुध कुंडली मे बहुत बलवान होकर भाग्य के स्वामी सूर्य के साथ बैठकर गुरु या शुक्र से सम्बन्ध में हो या हुआ तब बहुत अच्छा और परम् भाग्यशाली स्वभाव वाला जीवनसाथी मिलेगा।इसके अलावा बुध जितना ज्यादा शुभ स्थिति में होगा जीवनसाथी उतना ही ज्यादा सौभाग्यशाली मिलेगा।