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स्वर्णिम भारत मंच की बरसो पुरानी मांग हुई पुरी ,मुख्यमंत्री का आदेश  खुले में नहीं बिकेगा मांस मटन

टॉवर पर मिठाई बांटकर  स्वर्णिम भारत मंच मनाएगा जश्न ब्रह्मलीन संत प्रतित राम स्नेही की आत्मा जरूर हुई होगी प्रसन्न

उज्जैन। ब्रह्मलीन संत प्रतीत राम राम स्नेही के 40 वर्ष  पुराने आंदोलन को आगे बढ़ाने वाले सामाजिक संगठन स्वर्णिम भारत मंच के संघर्ष को नवनियुक्त मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने समझा और कुर्सी संभालते ही सबसे पहले आदेश कर दिया ।  खुले में मांस मटन बेचने पर रोक लगा दी । स्वर्णिम भारत मंच ने  प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के प्रति अपना आभार प्रकट किया है ।  40 साल से पवित्र नगरी की मांग करने वाले ब्रह्मलीन संत प्रतीत राम के बाद उनके आंदोलन को  स्वर्णिम भारत मंच ने अपने हाथों में लिया  था ।  स्वर्णिम भारत मंच ने सैंकड़ों ज्ञापन, धरना सहित उग्र आंदोलन  किया था । 25 दिसंबर 2015 में स्वर्णिम भारत मंच द्वारा  इसी मांग को लेकर निकाली गई  रैली पर मिर्जा नईम बैग मार्ग टंकी पर पथराव किया गया । जनहित याचिका भी उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में  मंच की ओर से प्रस्तुत की गई थी परंतु जो काम हाईकोर्ट नही कर पाई वो काम एक दिन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कर डाला। 
सरकार के आदेश मिलते ही लगा दिए ताले
पवित्र नगरी में खुले आम बिक रहे मांस मटन की दुकानें  हटाने के लिए कई  बार  मांग उठने के बाद भी नगर निगम का अमला हिम्मत नही कर पाया था जबकि नगर निगम  सदन में भी प्रस्ताव पास हो चुका था । जब सरकार ने आदेश किया तो सूरज उगने से पहले ही अधिकारियों  ने दुकानों पर ताले जड़ दिए । स्वर्णिम भारत मंच ने निगम आयुक्त को ज्ञात कराया  है कि 2017 में नगर निगम  महाकाल क्षेत्र से सभी तरह के मांस मटन के लाइसेंस निरस्त कर चुका है । 
संघर्ष को मिली जीत खुशी में बांटेंगे मिठाई
स्वर्णिम भारत मंच के  अध्यक्ष दिनेश श्रीवास्तव ने कहा कि मांस मटन  की दुकानें हटाने को लेकर कई वर्षो से हम संघर्ष कर रहे थे।  मुख्यमंत्री बनते ही डाक्टर  मोहन यादव ने  कुर्सी संभालते  ही सरकार ने आदेश जारी कर दिए । स्वर्णिम भारत मंच मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद प्रकट करता है। मांग पूरी हुई जो संघर्ष  किया था उसकी जीत की खुशी में  शुक्रवार को टॉवर पर मंच मिठाई बांट कर मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव का आभार प्रकट करेगा ।

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