रायपुर। कच्चे तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय मार्केट में विगत तीन महीनों के भीतर ही लगभग 20 प्रतिशत गिरकर 70 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच चुका है, लेकिन मोदी सरकार की मुनाफाखोरो के चलते इसका लाभ आम जनता को नहीं मिल पा रहा है। यह आरोप प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने लगाया।वर्मा ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में क्रूड ऑयल 109 डॉलर प्रति बैरल था तब वर्तमान में लागू दरें तय की गई थी। विगत 3 महीनों में ही 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आने के बावजूद डीजल पेट्रोल के ग्राहकों से वही कीमत वसूल कर केंद्र की मोदी सरकार और पेट्रोलियम कंपनियां जनता के जेब में डकैती डालकर अपना मुनाफा वसूल रहे है।
वर्मा ने कहा है कि यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार के दौरान डीजल पर मात्र 3 रूपया 54 पैसा प्रति लिटर की दर से सेंट्रल एक्साइज हुआ करता था, जिसे केंद्र की मोदी सरकार ने 31 रूपया प्रति लीटर तक बढ़ाने के बाद वर्तमान में भी लगभग 27 रूपया प्रति लिटर की दर वसूल रही है। केंद्र की मोदी सरकार के 10 गुना मुनाफाखोरी के चलते हैं आज डीजल पेट्रोल 100 के आसपास है जबकि क्रूड ऑयल का दाम 2014 की तुलना में लगभग आधे रेट पर है लेकिन इसका लाभ आम जनता के बजाय केंद्र की सरकार और पेट्रोलियम उत्पादक कंपनियां के खजाने में जा रहा है। केंद्र की सरकार ने केवल डीजल और पेट्रोल की मुनाफाखोरी से ही 20 लाख करोड़ से अधिक की राशि विगत साढ़े 9 साल में जनता की जेब में डकैती डालकर हड़पा है।केंद्र की मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिकताओं में आम जनता का हित नहीं है।मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते बढ़ती महंगाई की मार से जूझ रही जनता के जेब में डकैती डालने का भी कोई अवसर ये चूक नहीं रहे हैं। मोदी निर्मित महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी और बढ़ती असमानता से पीड़ित जनता से क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट के बावजूद भी अधिक कीमत वसूलना जनता के प्रति अन्याय है। मोदी सरकार की नीतियों से प्रमाणित है कि भाजपा का सरोकार चंद पूंजीपति मित्रों के मुनाफे पर केंद्रित है। आम जनता को डीजल पेट्रोल की कीमतों में रियायत देने के बजाय मोदी सरकार की प्राथमिकता कंपनियों को फायदा पहुंचाना है। देश की जनता आने वाले लोकसभा चुनाव में मुनाफाखोर भाजपा को सबक सिखायेगी।