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महिला पहलवानों का यौन शोषण केस:बृजभूषण के वकील बोले- सांस चेक करने का नियम खत्म करने की मांग क्यों नहीं, 16 अक्टूबर को अगली सुनवाई

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में शनिवार को भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण पर महिला पहलवानों के यौन शोषण केस की सुनवाई हुई। जिसमें बृजभूषण पर चार्ज फ्रेम करने को लेकर दलीलें दी गई। उत्तर प्रदेश के गोंडा से BJP के सांसद बृजभूषण भी सुनवाई में मौजूद रहे।

इस दौरान बृजभूषण के वकील ने आरोपों को हकीकत से दूर करार दिया। इस मामले की अगली सुनवाई अब 16 अक्टूबर को होगी। जिसमें पहलवानों के आरोपों पर दिल्ली पुलिस की तरफ से दायर चार्जशीट पर बृजभूषण की तरफ से दलीलें रखी जाएंगी।

वहीं बृजभूषण के वकील ने कहा कि सभी महिला पहलवानों ने एक ही तरह का आरोप लगाया है कि बृजभूषण सांस चेक करने के बहाने उन्हें गलत तरीके से छूते थे। इसको लेकर धरना दिया लेकिन किसी ने यह मांग नही की कि महिला पहलवानों के सांस चेक करने वाले नियम को ही खत्म कर देना चाहिए।

एक पहलवान ने बयान भी बदला
उन्होंने कहा कि आरोपी पर चार्ज फ्रेम करते समय आरोपों की जांच नहीं हो सकती। इनमें एक पहलवान ने बृजभूषण के खिलाफ अपने बयान भी बदले हैं। पहलवानों को लगता है कि उनके आरोपों के आधार पर चार्ज फ्रेम हो जाएंगे। अब अगली सुनवाई में वह अपनी दलीलें रखेंगे।

बृजभूषण को जमानत मिल चुकी
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने 20 जुलाई को बृजभूषण शरण सिंह और भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर को जमानत दे दी थी। दिल्ली पुलिस ने 15 जून को कोर्ट में 6 बार के सांसद बृजभूषण के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न), धारा 354 डी (पीछा करना) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दायर किया था।

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