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मप्र भाजपा की प्रयोगशाला जहाँ

  • किसान आत्महत्या करते हैं,
  • गोली मारी जाती है,
  • महिलाओं से बलात्कार होते हैं,
  •  दलितों पर अत्याचार
  •  आदिवासियों पर पेशाब की जाती है: राहुल गांधी 

शहडोल:१० अक्टूबर, शहडोल के ब्यौहारी में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी की कथित प्रयोगशाला मध्यप्रदेशा में मरे हुए लोगों का इलाज होता है।यह किसी और राज्य शिव जी का नाम लेकर महाकाल कॉरिडोर में घोटाला किया जाता है। मिड-डे मील में चोरी की जाती है।बच्चों की स्कूल यूनिफॉर्म में चोरी की जाती है। एमबीबीएस की सीट बेची जाती है। पटवारी की नौकरी यहां 15 लाख में बेची जाती है।  18 साल में 18 हजार किसान यहां आत्महत्या करते हैं। मंदसौर में किसानों को गोली मारी जाती है। भोपाल में एक लड़की से छेड़छाड़ की जाती है, उसका भाई बचाने जाता है तो उसकी पुलिस के सामने हत्या कर दी जाती है। भाजपा नेता आदिवासियों पर पेशाब करते हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा के संस्थापक नेता लालकृष्ण आडवानी ने किताब लिखी। जिसमें उन्होंने मध्यप्रदेश को आरएसएस और भाजपा की प्रयोगशाला बताया है। क्या ये मतलब था आडवाणी जी का प्रयोगशाला के संदर्भ से।

राहुल गांधी जी ने कहा कि आदिवासी का मतलब जो लोग इस देश में पहले से रहते आए और जो यहां के मालिक हैं। आदिवासी मतलब जिनका जंगल, जल, जमीन पर सबसे पहला हक है। वहीं वनवासी का मतलब कि आपका हक नही है, मतलब भाजपा नेता आप पर पेशाब कर सकता है।मतलब कोविड काल में आपको जानवरों से भी बदतर खाना दिया जाएगा। मतलब आपको जंगल में रहना चाहिए। मतलब आपके बच्चे इंजीनियर, वकील नहीं बन सकते। आपको आवास योजना का लाभ नहीं मिलेगा। 

उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि आदिवासियों का जमीन पर सबसे पहला हक है, इसलिए हम पेसा कानून लाए। फॉरेस्ट राइट एक्ट लाए। पेसा कानून मतलब अगर किसी को आपकी जमीन चाहिए तो हाथ जोड़कर ग्राम सभा से पूछना पड़ेगा, बीजेपी का मानना है कि वनवासी का कोई हक नहीं। हमारी सरकार ने आपको 3.5 लाख आदिवासियों को जमीन के पट्टे दिए, भाजपा ने आपको धमकाकर, हिंसा व बल प्रयोग कर आपसे आपका अधिकार छीना। मैं आपको गारंटी देता हूं कि हमारी सरकार आएगी तो हम आपको आपकी जमीन का हक वापस देंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार चलाने वाले 90 सचिव में से केवल 3 ओबीसी हैं। बजट का 5 पर्सेंट केवल ओबीसी अधिकारी डिसाइड करते हैं।100 रुपए में से 5 रुपए का निर्णय केवल ओबीसी के अधिकारी करते हैं। वहीं 100 रुपए में से केवल 10 पैसे का निर्णय आदिवासी अधिकारी करते है। दलित, आदिवासी एवं पिछड़ों को अपना अधिकार मिल सके, इसके लिए हमने जाति आधारित जनगणना की मांग की है। इन सबको अपना अधिकार मिल सके इसलिए हम जातिगत जनगणना करवाएंगे।

मोदीजी पहले आदिवासियों को वनवासी कहते थे। मैंने कहा कि मोदीजी आदिवासियों का अपमान मत करो, तो उन्होंने वनवासी कहना बंद कर दिया। मुंह से आदिवासी, दिल में वनवासी। हमारे दिल में आदिवासी, दिमाग में आदिवासी, मुंह से आदिवासी, कर्म से आदिवासी। छत्तीसगढ़, कर्नाटक एवं राजस्थान में हमनें ये शुरुआत कर दी है। मध्य प्रदेश में हमारी सरकार बनते ही पहला काम हम जातीय जनगणना का काम शुरू करेंगे। दलित, आदिवासी, पिछड़ों की आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा है तो 90 में से केवल 3 सचिव ओबीसी क्यों? हम इस व्यवस्था को बदलेंगे, इसका पहला कदम होगा जाति आधारित जनगणना।

राहुल गांधी ने कहा कि दलित, आदिवासी एवं पिछड़ों की जनगणना देश का एक्सरे है वो हम करवाएंगे। मैं मोदीजी को चुनौती देता हूं कि हमनें जो जाति जनगणना करवाई थी, उसके आंकड़े जनता के सामने रखें। मोदी जी पाकिस्तान, अफगानिस्तान समेत दुनियाभर की बात करते हैं, लेकिन जाति जनगणना पर बात नहीं करते क्योंकि इनका रिमोट अड़ाणी के हाथ में है।

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