कांग्रेस की गारंटी भ्रष्टाचार , कमीशनखोरी, लूट-खसोट और दलाली मोदी की गारंटी जनता की पाई-पाई की वसूली -केदार कश्यप

पीपीएम ब्यूरो
रायपुर। एक तरफ घमंडिया गठबंधन है जहां भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, लूट-खसोट और दलाली की गारंटी है तो दूसरी तरफ नरेन्द्र मोदी की गारंटी है जो भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।मोदी की गारंटी मतलब बेईमानों से पाई-पाई वसूलने की गारंटी।यह बात भाजपा के प्रदेश महामंत्री तथा नवनिर्वाचित विधायक केदार कश्यप ने एक पत्रकार वार्ता में कही।
कश्यप ने कहा कि झारखंड से कांग्रेस सांसद धीरज साहू से जुड़े व्यापारिक समूह के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी में अब तक 200 करोड़ रुपये से अधिक का कैश बरामद हो चुका है। अभी बरामद रुपयों की गिनती चल ही रही है। ऐसे में यह जब्त राशि और बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि इस रेड में देश में कानूनी तरीके से जब्त की जानेवाली सबसे बड़ी नकदी होने का अनुमान लगाया जा रहा है। जब्त नोटों की संख्या इतनी ज्यादा कि उन्हें गिनने के लिए मंगवाई गई मशीनें भी खराब हो गई। कार्रवाई को इतना गोपनीय रखा गया था कि रेड में शामिल लोगों को मालूम नहीं था कि कहां जाना है।
एक कांग्रेसी सांसद के पास ₹200 करोड़ की नगदी पकड़ी गई, तो बाकी सभी कांग्रेस सांसदों के पास कितनी नकदी होगी? इस हिसाब से तो गांधी परिवार विश्व का सबसे भ्रष्टाचारी परिवार है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जी, ऐसे कितने आर्टिस्ट है कांग्रेस में? जनता से लूटे हुए पैसे का हिसाब-किताब हर रोज़ लिया जायेगा, ये मोदी की गारंटी है। कांग्रेस ने अपने नेताओं को करप्शन का एटीएम बना दिया है।
कश्यप ने कहा कि कांग्रेस की मोहब्बत की दुकान से निकला नोटों का पहाड़ और गिनती जारी है। मोहब्बत की दुकान के एक फ्रेंचाइजी के गल्ले में 200 करोड़ के नोट मिले हैं। खूब बिक्री हुई है लगता है। सारी मोहब्बत कुछ यूं बिक गई तभी पास में सिर्फ हिंदुत्व और सनातन से नफरत बची है। उन्होंने कहा कि जहां कांग्रेस का जनप्रतिनिधि होगा, वहां इस बात की गारंटी है कि वह भ्रष्टाचार अवश्य ही करेगा। ऐसे घोटाले और भ्रष्टाचार के सेंटर का नाम यदि गांधी करप्शन सेंटर’ रख दिया जाए तो यह गलत नहीं होगा क्योंकि ऐसे सभी कामों की ट्रेनिंग उन्हीं के द्वारा दी जाती है।
कश्यप ने कहा कि इंडी एलायंस यानी घमंडिया गठबंधन के नेता भ्रष्टाचार कर लूट खसोट करते हैं और जब ईडी , सीबीआई , और आईटी जैसी जांच एजेंसी अपना काम करती हैं, तो सारे भ्रष्टाचारी नेता एक होकर जांच एजेंसियों पर आरोप लगाने लगते हैं। घमंडिया गठबंधन के नेता भारत की अर्थव्यवस्था, गरीबों की कमाई और नागरिकों अधिकारों को दीमक की तरह खा रहे हैं।