भाजपा की जीत में पन्ना प्रमुखों की अहम भूमिका, भाजपा संगठन की जमीनी कार्यशैली कांग्रेस पर पड़ी भारी
राजेन्द्र पराशर
भोपाल। भाजपा की जीत को कांग्रेस भले ही अप्रत्याशित जीत बताए, मगर भाजपा का संगठन एक बार फिर भाजपा की जीत में अह्म भूमिका का निर्वाह करने वाला साबित रहा। भाजपा ने चुनाव के कई माह पूर्व जो बूथ स्तर पर तैयारी की थी उस तैयारी ने उसे आज दो तिहाई बहुमत के करीब लाकर खड़ा किया। भाजपा ने 66 हजार से ज्यादा बूथों पर जो बूथ मजबूत अभियान चलाया था, आज चुनाव परिणाम उसे अभियान के चलते इस तरह आया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ खुद कई बार यह बात मंच और बैठकों में स्वीकार करते रहे हैं कि कांग्रेस का मुकाबला भाजपा से नहीं, बल्कि भाजपा के संगठन से है। उनका स्पश्ट मत रहा कि कांग्रेस की अपेक्षा भाजपा का संगठन प्रदेश में काफी मजबूत है। वे लगातार सेक्टर और मंडलम को लेकर कांग्रेस नेताओं को सक्रिय करते रहे, मगर इस बार फिर उन्हें असफलता हाथ लगी है। भाजपा ने अपने बूथ मजबूत और पन्ना समिति जैसे पदाधिकारियों के बल पर कांग्रेस को करारी हार दी है। भाजपा ने चुनाव के करीब छह माह पहले ही प्रदेशभर में बूथ मजबूत अभियान चलाया था। इस अभियान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित मंत्रियों और संगठन पदाधिकारियों ने बूथ स्तर पर सक्रियता दिखाई थी। इसके साथ ही भाजपा ने पन्ना समिति का गठन किया था। इस समिति के सदस्यों की बूथ स्तर पर सक्रियता ने भाजपा की जीत में अह्म भूमिका का निर्वाह किया है। भाजपा ने अपनी इस रणनीति के तहत प्रदेशभर में 19 लाख पन्ना प्रमुख नियुक्त किए थे। इन पन्ना प्रमुखों ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है। पार्टी ने इस अभियान के तहत बूथ स्तर पर नया नेतृत्व खड़ा किया, जो मतदाता के सीधे संपर्क में रहा है।
बड़े लक्ष्य को साधा पन्ना प्रमुखों के सहारे
चुनाव के पहले प्रदेश में 64 हजार 100 बूथ पर भाजपा पूरी तरह डिजिटल हो चुकी थी। करीब 13 लाख बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संगठन एप से जोड़ा गया था। बूथ पर भाजपा ने एक बूथ अध्यक्ष, महामंत्री और बीएलए की नियुक्ति की भी थी। प्रदेश में मतदाता सूची में 18 लाख पन्ने थे, जो बाद में बढ़कर 19 लाख के करीब पहुंच गए थे। इसको देखते हुए प्रदेश में भाजपा ने पन्ना समिति सदस्यों की संख्या बढ़ाई और अपने लक्ष्य को पाने की ओर आगे बढ़ी। यह एक बड़ा नंबर था, जिसे भाजपा हासिल करना चाहती थी।
हर छटवां व्यक्ति था पन्ना समिति का सदस्य
मतदाता सूची के एक पेज पर 30 नाम होते हैं। भाजपा ने एक पेज में शामिल 30 नामों में से पांच लोगों को पार्टी की पेज समिति का सदस्य बना रखे थे, यानी चुनाव आयोग की सूची में शामिल हर 6वां व्यक्ति भाजपा पन्ना समिति का सदस्य होता है। हर पन्ना सदस्य के घर में कम से कम तीन सदस्य तो होते ही हैं। कई पन्ना सदस्यों के घरों में 4-5 मतदाता भी मौजूद हैं, जिससे उसके मतदाताओं की संख्या बढ़ जाती है।