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ब्रिटेन का साम्राज्यवाद नहीं चला तो चीन का भी विफल होगा, फिर आजाद होगा तिब्बत

पीपीएम ब्यूरो

इंदौर। चीन आज महाशक्ति भले बन गया हो लेकिन शक्ति हमेशा काम नहीं आता। जिस ब्रिटिश साम्राज्य में कभी सूरज डूबता भी न था, उससे भी भारत सिर्फ अहिंसा और असहयोग के हथियारों से जीतकर आजाद हो गया। इसलिए भारत हमारा बहुत बड़ा सहयोगी और प्रेरणा स्त्रोत है।
यह बात तिब्बत के निर्वासित सांसदों सुश्री तेनजिंग जोएजिन एवं वेन गेशे न्यापा ने स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में कही। उन्होंने चीन को एक डरे हुए बच्चे जैसा देश बताया। उन्होंने कहा कि चीन एक शक्तिशाली नहीं बल्कि बहुत डरा हुआ देश है। पूज्य दलाई लामा जी को कोई सिर्फ जन्मदिन की बधाई भी दे दे तो वह डर जाता है और विरोध करने लगता है। आज, विशेषकर कोरोना के बाद विश्व के कई देशों का चीन के प्रति रुख बदल रहा है। यूएन सहित कई देशों ने तिब्बत को एक जमाने में स्वतंत्र राष्ट्र मानने का स्टैंड बदला है। यह एक बड़ा जिओ पॉलिटिकल बदलाव है जो विश्व देख रहा है। चीन की साम्राज्यवादी नीतियों का विश्व में विरोध बढ़ रहा है। दस लाख तिब्बतियों का कत्ल कर चीन ने तिब्बत को भले ही हड़प रखा हो तिब्बत की मूल संस्कृति को नष्ट करने के हर संभव दमन कर रहा हो लेकिन एक दिन हम तिब्बत को पुनः आजाद करवा सकेंगे वह भी गांधीजी के बताए अहिंसा और असहयोग के रास्ते से।
दोनों सांसदों ने कहा कि भारत तिब्बत का मित्र रहा है और आज निर्वासित तिब्बतियों का सबसे बड़ा सहयोगी है। भारत ने दो सौ वर्ष संघर्ष कर आजादी हासिल की, यह बात 74 साल पहले आजादी खोने वाले तिब्बतियों को बड़ा हौसला देती है। उन्होंने बताया कि तिब्बत के सभी सांसद अलग अलग हिस्सों में जाकर तिब्बत की आवाज के साथ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं। इसके अलावा युवा वर्ग को भी यह बताना जरूरी है कि तिब्बत एक समय स्वतंत्र राष्ट्र था, जिसका दमन किया गया। चीन ने तिब्बत में लीथियम और अन्य बहुमूल्य खनिजों को हड़प कर अकूत दौलत कमाई और उसके दम पर बढ़ाई गई सैन्य शक्ति से भारत की सीमाओं में भी लगातार घुसपैठ कर रहा है। चीन की जेल में बंद तिब्बतियों द्वारा बड़ी युक्ति से रिकॉर्ड कर भेजे गए तिब्बत की आवाज बने वायरल गीत भी तेनजिंग ने सुमधुर स्वर में गाकर सुनाया।
कार्यक्रम के आरम्भ में स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल, भारत तिब्बत सहयोग मंच के मप्र-छत्तीसगढ़ सह प्रभारी यशवर्धन सिंह, हर्षवर्धन प्रकाश, मीना राणा शाह, सोनाली यादव एवं प्रीति भारद्वाज ने दोनों निर्वासित सांसदों का स्वागत किया। संवाद कार्यक्रम का संचालन बहुविध संस्कृतिकर्मी आलोक बाजपेयी ने किया। स्मृति चिन्ह श्रीमती रचना जौहरी एवं अभिषेक सिसोदिया ने प्रदान किए। दोनों सांसदों ने भी तिब्बत की निर्वासित संसद की ओर से प्रवीण कुमार खारीवाल, रचना जौहरी एवं आलोक बाजपेयी का पवित्र अंगवस्त्र पहनाकर अभिनंदन किया। अंत में आभार यशवर्धन सिंह ने व्यक्त किया।

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