डॉ संतोष पाटीदार
इंदौर। मुख्यमंत्री मोहन यादव और उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला एवं जगदीश देवड़ा दिल्ली पहुंचे और प्रधानमंत्री से भी मिले। माना जा सकता है कि अब सरकार के मंत्रिमंडल और मुख्य सचिव का रुका हुआ फैसला जल्द आकर ले लेगा। सरकार में कैलाश विजयवर्गीय और प्रहलाद पटेल को लेकर जिस तरह की जिज्ञासा बनी हुई है कुछ इसी तरह से मुख्य सचिव के लिए अनुराग जैन को लेकर, शासन के साथ मीडिया में भी संशय बना हुआ है । कहां जा रहा है कि जैन के राह की बाधा पूरी तरह दूर नही हुई है। उन्हें केंद्र से राज्य में आने के लिए शायद कोई अड़चन आ सकती है। इसलिए उनका चीफ सेक्रेटरी बनना निश्चित नहीं है। जैन संभावित सीएस हो सकते है। ऐसी दशा में मीडिया उनके नाम के साथ राजेश राजौरा का भी नाम जोड़ रहा है । लेकिन दिल्ली से आ रही हवा में अभी तक राजौरा का नाम नहीं है।असल में जैन का नाम तय माना जा रहा है।हालांकि उनकी पदस्थापना का कोई अधिकृत फैसला अभी नहीं हुआ है फिर भी उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि आज की स्थिति में तो जैन ही मध्य प्रदेश के नए मुख्य सचिव होंगे।
जैन इस समय केंद्रीय परिवहन मंत्रालय में संयुक्त सचिव है और पीएमओ में भी उनका नाम जाना पहचाना है। वही,वे योग्य ईमानदार और कर्मठ अधिकारी के रूप में पहचाने जाते हैं। उनका लगाव मध्य प्रदेश से है।
इधर जैन के केन्द्र में होने के कारण वे केन्द्र के लिए , मप्र के लिहाज से सुविधाजनक है। उनको मप्र भेजने के राजनीतिक मायने भी है। राज्य की सत्ता में राजनेतिक नवाचार कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह द्वारा जैन के माध्यम से भी सरकार की निगरानी और मुख्यमंत्री पर नियंत्रण कर सकेंगे ।