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क्या इंदौर के मराठी मानुष को हाशिए पर धकेलने की कोशिश कर रहे है दोनों राजनीतिक दल…?

  • बीजेपी और कांग्रेस दोनों को भारी पड़ सकता है टिकट में तवज्जों नहीं देना।
  • मराठी समाज चुनाव को लेकर भीतरी तौर पर है बेहद मुखर।

इंदौर।(बालकृष्ण मूले)मध्य प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल टिकट वितरण में जुटे हुए है। बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी कर दी है तो कांग्रेस भी अब तक 140 उम्मीदवारों के नामों की सूची फाइनल करने का दावा किया है। किन्तु न तो बीजेपी ने इंदौर से किसी योग्य मराठी लीडर का टिकट तय किया है न कांग्रेस ने किसी नाम पर कोई चर्चा की है। टिकट वितरण में अब तक किसी भी मराठी मानुष के नाम की घोषणा और चर्चा का न होना इंदौर के लाखों मराठी मतदाताओं को खल रहा है।

मराठी भाषी इसे मराठी अस्मिता और अपने स्वाभिमान से जोड़ कर देख रहे है। सम्पूर्ण मराठी समाज का दबाव अपनी लीडर ताई और गौरव रणदिवे पर लगातार बढ़ रहा है। समाज के भीतरी गलियारों में गुस्सा पनप रहा है। कहा जा रहा है यह उपेक्षा असहनीय होगी और सत्ताधारियों को भारी भी पड़ सकती है। समूचे इंदौर में मराठी मतदाता हर विधानसभा में निर्णायक भूमिका में है। राऊ से लेकर चार, पांच, तीन, दो और महू तक बड़ी की संख्या में वोटर है।
कांग्रेस के साथ दो दशक पूर्व तक रहे मराठी लीडर्स पार्टी और चुनावी पटल से पूरी तरह से गायब है और बाकी बचे लीडर्स अब बीजेपी के साथ दमदारी से खड़े है। बीजेपी ने लंबे समय से मराठी मानुष को अपने साथ जोड़ रखा है। कांग्रेस पार्टी इस मोर्चे पर पूरी तरह से विफल रही है, जिसका खामियाजा वह और उसके नेता हर चुनाव में भुगत रहे है। कहा जा रहा है मराठी मानुष को कांग्रेस से ज्यादा आज बीजेपी पर कुछ अधिक भरोसा है,पार्टी ने यदि योग्य मराठी मानुष की उपेक्षा की तो समाज का वोट बैंक खसकने में टाइम नहीं लगाएगा। यूं भी मराठी समाज के ज्यादातर कर्णधार पार्टी की नुमाइद्गी कर रहे है। इसमें गंभीर नामों पर नजर डाले तो गौरव रणदिवे निशांत खरे, ताई पुत्रों के नाम आते है। अब एक बार फिर जोरदार स्वर में मराठी नेतृत्व की मांग उठ खड़ी हुई है। ताई और मोघे जी के बाद नई पीढ़ी तैयार है। मराठी मानुष को उनकी योग्यतानुरूप उपकृत करने का समय है। आज मराठी मानुष बीजेपी आलाकमान की तरफ टकटकी लगाए बैठा है। पार्टी ने संगठन में मराठी मानुष पर खूब भरोसा किया तो कोरोना काल में डॉ निशांत खरे और गौरव रणदिवे ने इंदौर की खूब सेवा की है। अब समय है जब योग्य मराठी मानुष को विधानसभा चुनाव में टिकट देकर पूरे समाज को उपकृत करने की।

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