April 6, 2025
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पूरी इलेक्शन प्रोसेस का मालिक न मतदाता, न अधिकारी-कर्मचारी हैं, इसका मालिक सॉफ्टवेयर बनाने और सॉफ्टवेयर डालने वाला है: दिग्विजय सिंह

पीपीएम ब्यूरो

  • पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने तकनीकी विशेषज्ञों के
    साथ भोपाल में की पत्रकार वार्ता
  • पत्रकारों ने दबाया डमी ईव्हीएम का बटन, बटन केले के चिन्ह का
    दबाया और ईवीएम तथा वीवीपेट पर्ची में सेब को गया वोट
  • विशेषज्ञों ने ईवीएम मशीन से वोटिंग में वोट
    से छेड़छाड़ का लाईव डेमो दिया

भोपाल। देश में मतदान प्रक्रिया में ईव्हीएम के उपयोग को लेकर लंबे समय से सवाल उठ रहे हैं। इसको लेकर मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने विशेषज्ञों के साथ पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। पत्रकार वार्ता में ईवीएम जैसी मशीन से लाईव डेमो दिखाया गया कि किस तरह न सिर्फ ईवीएम में गिने जाने वाले मतों बल्कि वीवीपेट से निकलने वाली पर्ची भी पूरी तरह विश्वसनीय नहीं है। पत्रकारों से स्वयं इस ईवीएम का बटन दबाकर वोट डालने को कहा गया और फिर उन्हें दिखाया गया कि उन्होंने जिस चुनाव चिन्ह का बटन दबाया था वोट उस चुनाव चिन्ह को न मिलकर दूसरे चिन्ह को मिला।
राजधानी भोपाल में आयोजित इस पत्रकार वार्ता के दौरान दिग्विजय सिंह ने मीडिया के सामने ईवीएम एक्सपर्ट अतुल पटेल से पूरी मतदान प्रक्रिया का डेमो दिलाया। इस दौरान एक ईवीएम में 10 वोट डाले गए। चुनाव चिन्ह के तौर पर सेब, केला और तरबूज था। इस दौरान अधिकांश पत्रकारों ने केला चिन्ह पर वोट दिया, लेकिन नतीजे चौंकाने वाले थे। अंतिम नतीजे में सेब को ज्यादा मत प्राप्त हुए।
पत्रकार वार्ता के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि 140 करोड़ आबादी वाले देश में जहां 90 करोड़ मतदाता हैं तो क्या हम ऐसे लोगों के हाथ में ये सब तय करने का अधिकार दे दें? पूरी इलेक्शन प्रोसेस का मालिक न मतदाता है, न अधिकारी-कर्मचारी हैं। इसका मालिक सॉफ्टवेयर बनाने और सॉफ्टवेयर डालने वाला है। सिंह ने बताया कि पहले कौन सा ईवीएम कौन से बूथ पर जाएगा ये कलेक्टर तय करते थे, अब ये रैंडमाईजेशन के नाम पर इलेक्शन कमिशन के सेंट्रल ऑफिस से लोड होता है। मशीन सॉफ्टवेयर की बात मानेगी ऑपरेट करने वाले की नहीं मानेगी।
पूर्व सीएम ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है, दबाव में है। चुनाव आयोग से हम निष्पक्षता की उम्मीद करते हैं। लेकिन ईवीएम का सारा काम प्राइवेट लोगों के हाथ में है। जब सॉफ्टवेयर ही सब करता है तो वही सॉफ्टवेयर तय करेगा सरकार किसकी बनेगी। चुनाव आयोग ने खुद आरटीआई के जवाब में कहा है कि उनके पास कोई भी टेक्निकल टीम नहीं है।

श्री सिंह ने कहा कि आज विश्व के सिर्फ पांच देश में ईवीएम से वोटिंग होती है। इनमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, नाइजीरिया, वेनेजुएला और ब्राजील शामिल है। ऑस्ट्रेलिया में जो सॉफ्टवेयर डाला जाता है वो ओपन है, जनता के बीच है। लेकिन भारत में चुनाव आयोग ने अब तक सॉफ्टवेयर पब्लिक नहीं किया है। उनका कहना है कि पब्लिक करने से इसका दुरुपयोग हो सकता है। ये तो और गंभीर विषय है। ऐसे कई प्रश्न है जो आज लोगों के दिमाग में है। सिंह ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री काल में टीएन सेशन साहब का जमाना देखा है। तब हम आयोग से डरते थे। आज आयोग निष्पक्ष नहीं है। हम लोग कुछ कह दें तो ईसीआई नोटिस दे देता है, मोदी कुछ भी बोलें उन्हें नोटिस नहीं मिलता।
कर्नाटक और हिमाचल में कांग्रेस सरकार बनने को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर ये सब जगह मैनिपुलेशन करेंगे तो जनता को जल्दी समझ आ जाएगा। जहां इन्हें पता है कि भाजपा है ही नहीं वहां नहीं करेंगे। मध्य प्रदेश में सभी 230 सीटों पर इन्होंने ईवीएम में गड़बड़ी नहीं की। 120-130 सीटों पर की। 10 प्रतिशत वोट का स्विंग किया, इसलिए हम कुछ सीटें 60-70 हजार वोट से हारे हैं। सिंह ने ये भी कहा कि भाजपा नेता लालकृष्ण आडवानी भी ईवीएम पर सवाल उठा चुके हैं।

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#पीपीएम न्यूज़ #मध्य प्रदेश

सतना से भोपाल सिर्फ 2 घंटे में, मध्यप्रदेश के 7वें एयरपोर्ट बनेगा सतना

सतना :हवाई सफर के मामले में मध्य प्रदेश एक कदम और आगे बढ़ गया है यहां प्रदेश के 7वें एयरपोर्ट के रूप में सतना एयरपोर्ट तैयार हो गया है। जल्द ही सतना एयरपोर्ट से प्रदेश के प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली उड़ानें शुरू होने जा रही हैं सांसद गणेश सिंह ने बताया कि सतना से भोपाल, जबलपुर, सिंगरौली आदि शहरों के लिए फ्लाइट्स शुरू होने वाली हैं एयरपोर्ट के उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और मुख्यमंत्री को भी सांसद गणेश सिंह ने आमंत्रित किया है बस तारीख तय होने का इंतजार किया जा रहा है।

1962 में बनी थी हवाई पट्टी, अब कर्मशियल एयरपोर्ट
गुरुवार को जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सांसद गणेश सिंह ने एयरपोर्ट का निरीक्षण किया इस दौरान उन्होंने टर्मिनल बिल्डिंग के साथ वहां मौजूद सुविधाओं की जानकारी ली सांसद गणेश सिंह ने कहा,यह बहुत पुरानी हवाई पट्टी है, जो 1962 में बनी थी तब यहां पर कुछ निजी और सरकारी प्लेन उतरा करते थे लेकिन उस समय यहां एयरपोर्ट जैसी कोई सुविधा नहीं थी अब जब हमारे प्रधानमंत्री जी ने देश के 100 हवाई अड्डों को क्षेत्रीय उड़ान सेवा में शामिल किया, तो सतना को भी उसमें शामिल किया गया।

उड़ान भरेंगे 19 सीटर विमान
सांसद ने आगे कहा, ” हवाई पट्टी के नवीनीकरण के साथ पूरा एयरपोर्ट बनकर तैयार हो गया है फिलहाल यहां 19 सीटर वाले विमानों के लिए रनवे बनाया गया है। अब इसमें बड़े विमानों को चलाने के लिए भी हवाई पट्टी का निर्माण होगा जल्द ही इसका उद्घाटन होगा, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री जी और उड्डयन मंत्री भी शामिल होंगे फ्लाय ओला कंपनी से हमारी मीटिंग हो चुकी है और वह भी यहां फ्लाइट्स देने के लिए तैयार है जैसे ही उद्घाटन की तारीख शुरू हो जाएगी वैसे ही यहां से भोपाल, जबलपुर, रीवा आदि शहरों के लिए एयर टैक्सी चलेगी।

मध्यप्रदेश में एयरपोर्ट
मध्य प्रदेश में फिलहाल भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर, खजुराहो और रीवा एयरपोर्ट चालू हैं वहीं सातवें एयरपोर्ट के रूप में सतना भी शुरू होगा गौरतलब है कि सतना एयरपोर्ट अथॉरिटी का स्टाफ भी यहां पहुंच चुका है, ये करीब 15 लोगों का स्टाफ है इसके अलावा फायर ब्रिगेड और सुरक्षा का अलग से स्टाफ यहां लगाया जा रहा है इस बीच यहां से संभावित उड़ानों का शेड्यूल भी जारी किया गया है।

सतना से भोपाल 2 घंटे में
फिलहाल सतना से भोपाल जाने में बाय रोड व ट्रेन 9 से 10 घंटे का वक्त लगता है वहीं एयर टैक्सी शुरू होती है तो 522 किमी का ये डिस्टेंस कवर करने में 2 से ढ़ाई घंटा लग सकता है दरअसल, फ्लाय ओला डॉट इन के मुताबिक रीवा से भोपाल एयरटैक्सी 2 से ढाई घंटे का वक्त लेती है। रीवा और सतना की दूरी काफी कम है। ऐसे में सतना से भोपाल भी लगभग इतना समय ही लग सकता है।

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