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मंत्रिमंडल गठन भी आएंगे चौंकाने वाले नाम,चुनिंदा पुराने मंत्रियों के साथ दिखेंगे नए चेहरे

राजेन्द्र पराशर

भोपाल।प्रदेश में नए मुख्यमंत्री मनोनित किए जाने के बाद अब मंत्रिमंडल गठन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। मंत्रिमंडल में भी नए नाम सामने आने की उम्मीद लगाई जा रही है। संगठन से जुड़े नेता इस बार नए और पुराने चेहरों के साथ मिला-जुला मंत्रिमंडल होने की बात कहते नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि चुनिंदा पुराने मंत्रियों के साथ नए चेहरों को ज्यादा अवसर इस बार मिलेगा।
प्रदेश में भाजपा ने चौंकाने वाला नाम देकर मुख्यमंत्री पद पर डा मोहन यादव को मुख्यमंत्री और राजेन्द्र शुक्ला एवं जगदीश देवड़ा को उप मुख्यमंत्री बनाया है। इसके बाद अब प्रदेश में मंत्रिमंडल गठन की कवायद भी तेज हुई है। दावेदारों ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। विधायक दल की बैठक के बाद से ये दावेदार भोपाल में डेरा जमाए हुए हैं। दावेदारों ने अपने नेताओं के अलाव संगठन पदाधिकारियों और संघ से जुड़े नेताओं के यहां पहुंचकर अपने समीकरण साधने का प्रयास तेज कर दिया है। वहीं दूसरी ओर मंत्रिमंडल गठन को लेकर इस बात की चर्चा है कि  इस बार मंत्रिमंडल में अधिकांश नए चेहरे नजर आ सकते हैं। माना जा रहा है कि कुछ चुनिंदा मंत्रियों के साथ इन नए चेहरों को शपथ दिलाई जा सकती है।
गौरतलब है कि पूर्व में मंत्री पद के लिए अधिकांश पुराने ही मंत्रियों को स्थान मिलता रहा है, जिससे अधिकांश वरिष्ठ विधायकों की नाराजगी भी सामने आई है। इसे देखते हुए इस बार मंत्रिमंडल गठन को लेकर भाजपा संगठन फूंक-फूंक कर कदम उठाने की तैयारी के साथ काम कर रहा है। केन्द्रीय नेतृत्व के साथ मिलकर नए और पुराने नेताओं के नाम को हरी झंडी देने की तैयारी की जा रहा है।
दरअसल वर्तमान विधायकों में 70 विधायक ऐसे हैं जो मंत्री पद की दावेदारी कर रहे हैं। इनमें 30 विधायक तो ऐसे हैं, जो तीन से ज्यादा बार के विधायक हैं। इन विधायकों में नाराजगी रही है कि लगातार कुछ ही वरिष्ठ विधायकों को ही मंत्री बनने का अवसर मिलता रहा है। इसे देखते हुए इन विधायकों ने अभी से लाबिंग शुरू कर दी है।

*पहली बार मंत्री बनने ये दावेदार हुए सक्रिय*
रमेश मेंदोला, रामेश्वर शर्मा, विष्णु खत्री, मालिनी गौड़, कृश्णा गौर, प्रदीप लारिया, शैलेन्द्र जैन, विजयपाल सिंह, प्रदीप पटेल, गायत्री राजे पंवार, नीना वर्मा, नागेन्द्र सिंह गुढ़, अशोक रोहाणी, शरद कोल, हेमंत खंडेलवाल, राजेश सोनकर, उमाकांत शर्मा, चेतन्य कश्यप, राजकुमार मेव,सचिन बिरला आदि हैं।
*किस भूमिका में रहेंगे शिवराज ?*
भाजपा और राजनीतिक गलियारों में अब यह सवाल उठ रहा है कि शिवराज सिंह चौहान को केन्द्रीय नेतृत्व अब किस तरह की जिम्मेदारी सौंपेंगा। कुछ नेता कयास लगा रहे हैं कि उन्हें लोकसभा में मैदान में उतारा जा सकता है तो कोई उन्हें संगठन में राष्ट्रीय स्तर पर कोई जिम्मेदारी मिलने की बात कह रहे हैं। समझा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर शिवराज सिंह चौहान को संगठन में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि शिवराज सिंह ओबीसी वर्ग का बड़ा चेहरा हैं, संगठन और सरकार में काम करने का उनका अपना लंबा अनुभव है। इस लिहाज से संगठन में उन्हें कोई राष्ट्रीय   जिम्मेदारी दी जा सकती है।

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