आदिवासी विधानसभा क्षेत्रो में कांटे की टक्कर, एक जिला, चार सीट, दो मंत्री, दो सांसदों के साथ शिवराज और संघ की प्रतिष्ठा दांव पर
डॉ. संतोष पाटीदार
इंदौर।भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच आदिवासी आंचल के प्रमुख विधानसभा सीटो पर कांटे की टक्कर है ।निमाड़ की अधिकांश आदिवासी विधानसभा सीट पर दोनों पार्टियों के बीच में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जयस कांग्रेस और बीजेपी के नेता खेल बिगाड़ने में लगे हैं।नर्मदा किनारे निमाड़ की भूमि विधानसभा चुनाव के केंद्र में है।यहाँ से पिछले चुनाव में बीजेपी के नर्मदा मैया ने परिक्रमा पर भेज दिया था।
इसके बाद भाजपा ने निमाड़ के खरगोन बड़वानी क्षेत्र से दो मंत्री दो सांसद सरकार में बैठा दिए।लोकसभा में गजेंद्र सिंह और राज्यसभा में सुमेर सिंह को पहुंचाया। दो मंत्री पहले से ही हे।इनके साथ आरएसएस की ट्राइबल सोशल इंजीनियरिंग टीम लगी है। बावजूद इसके बड़वानी की सभी सीट पर भाजपा को पसीना आ रहा है। यहां तक कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को यहां पर बार-बार आना पड़ रहा है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आना पड़ा। इतना होने के बाद भी कांग्रेस से मुकाबला भाजपा के लिए कांटे का बताया जा रहा है जबकि भाजपा और संघ द्वारा प्रायोजित निर्दलीय प्रत्याशी कांग्रेस के वोट कम करने के लिए मैदान में उतारे गए हैं । ऐसी मान्यताओं के बीच में इलाके से प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री कांग्रेस प्रत्याशी बाला बच्चन राजपुर विधानसभा सीट से अपने विरोधी अंतर पटेल से दो-दो हाथ कर रहे हैं । अंतर सिंग के पिता देवी सिंह पूर्व मंत्री रह चुके हैं पिछले चुनाव में अंतर सिंह पटेल ने वाला बच्चन को कड़ा मुकाबला करने के लिए मजबूर कर दिया था। बच्चन से मात्र 900 वोट से पराजित हुए थे।इस बार बराबरी का मुकाबला दोनों के बीच में है। यहां पर भी निर्दलीय खेल को बनने बिगड़ने का काम कर सकते हैं ।
बाला बच्चन और कांग्रेस के लिए यह सीट प्रतिष्ठा की सीट है। बाला बच्चन नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में रहते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से नजदीकियों के कारण कांग्रेस पार्टी के अंदर ही विवादों में रहे हैं। इधर बड़वानी में राज्य के पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल और कांग्रेस की राजेंद्र मंडलोई के बीच मुकाबला है। प्रेम सिंह पुराने भाजपा नेता है इस बार उनका मुकाबला काग्रेस के राजेंद्र मंडलोई से है।मंडलोई पिछले चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी रहे हैं पर लगातार हार का सामना करना पड़ा।
इस बार मंडलोई की पकड़ मजबूत बताई जा रही है।बड़वानी के करीब 58 हज़ार वोट के अलावा पाटी इलाके में करीब डेढ़ लाख हार जीत में बड़ी भूमिका निभाते है। यहां पर दोनों उम्मीदवारों की पकड़ बराबर की है। बड़वानी विधानसभा में निर्दलीय कांग्रेस प्रत्याशी के लिए बाधक बन सकते है।
पानसेमल में भी मुकाबला बीजेपी के श्याम बर्डे और कांग्रेस की पुरानी नेता चंद्रभागा किराडे के बीच है। किराड़े का काफी विरोध था। सेंधवा में जयश से कांग्रेस में आए प्रत्याशी मोंटू सोलंकी के कारण मुकाबला रोचक है ।यहां से भाजपा ने अपने बुजुर्ग नेता और मंत्री अंतर सिंह आर्य को फिर से मैदान में उतारा है। इसी तरह भगवानपुरा सीट पर भी कांटे की लड़ाई है।