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समाज के हाशिए पर रह रहे बच्चे पहुंचे रिलायंस के हैमलीज़ वंडरलैंड

रिलायंस के ‘एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स फ़ॉर ऑल’ (ईएसए) कार्यक्रम के तहत हैमलीज़ वंडरलैंड के दरवाजे वंचित बच्चों के लिए खुले
• ईएसए का उद्देश्य समाज के हर वर्ग के बच्चों को आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करना है
• बच्चों ने विभिन्न खेलों में हिस्सा लिया और वनतारा के ज़रिए पशु-पक्षियों की देखभाल के बारे में सीखा

मुंबई: जियो के हैमलीज़ वंडरलैंड में बच्चों की किलकारियों से माहौल खुशहाल हो गया। वंचित समाज से आए करीब 1,000 बच्चे रिलायंस फाउंडेशन के ईएसए दिवस पर सपनों की इस दुनिया का हिस्सा बने। बच्चों ने झूलों, गेम्स और अन्य मनोरंजक गतिविधियों में भाग लेकर खूब आनंद लिया।

इन बच्चों को हैमलीज़ वंडरलैंड तक लाने में समाजसेवी संगठनों का सहयोग रहा, जो रिलायंस के ईएसए कार्यक्रम से जुड़े हैं। रिलायंस के वॉलंटियर लगातार बच्चों की देखभाल करते हुए उन्हें ‘कहानी, कला, खुशी’ अभियान में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित कर रहे थे। इस अभियान के माध्यम से बच्चों को भारत के महानायकों की कहानियों से परिचित कराया गया।

जियो वर्ल्ड गार्डन में जियो द्वारा प्रस्तुत ‘हैमलीज़ वंडरलैंड’ और अजमेरा रियल्टी ने मिलकर बच्चों के लिए मॉन्स्टर राइड, हैमलीज़ का गाँव, हॉन्टेड सर्कस, और बड़े झूलों जैसी अनेक मनोरंजक और शैक्षणिक गतिविधियाँ तैयार की थीं।

इस साल वनतारा ने भी अपनी स्टॉल लगाई, जहां बच्चों ने सीखा कि घायल पशु-पक्षियों की मदद कैसे की जा सकती है। वनतारा के रेंजर्स ने बताया कि घायल जानवरों को कैसे वनतारा तक लाकर उनका इलाज किया जाता है और उन्हें प्रकृति में वापस स्वस्थ जीवन जीने का मौका दिया जाता है। बच्चों को यह भी बताया गया कि वे खुद पशु-पक्षियों की सुरक्षा में किस तरह योगदान दे सकते हैं। वनतारा की ओर से प्रत्येक बच्चे को खिलौने और जानकारी प्रदान की गई, जिसे रिलायंस फाउंडेशन ने संग्रहित किया था।

रिलायंस फाउंडेशन की यह पहल बच्चों को खेल-खेल में सिखाने की कोशिश है कि वे न केवल अपनी ज़िंदगी को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि समाज को भी और खूबसूरत बनाने में मदद कर सकते हैं।

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