April 6, 2025
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2004 में भाजपा ने सत्ता में आते ही युवाओं के भविष्य की बोली लगाना प्रारंभ कर दी थी जो आज तक भी जारी है-सुरजेवाला

सुरजेवाला ने मप्र की सरकार से पाँच सवाल किए है:

1.   जब 04 अप्रैल, 2023 को ही पटवारी भर्ती घोटाला सामने आ गया था, तो प्रदेश स्तर पर इसकी व्यापक जाँच क्यों नहीं की गई?

2.   क्या पटवारी भर्ती घोटाला सरकार के संरक्षण में किया जा रहा था?

3.   04 अप्रैल के फ़र्ज़ीवाडे को क्यों छिपाया गया? और क्या गुपचुप चालान पेश कर दिया गया?

4.  18 साल से युवाओं के भविष्य को बेचने का यह गोरखधंधा क्यों चलाया जा रहा है?

5.  15 मार्च से 4 अप्रैल 2023 के बीच कितने फर्जी सोल्वर पटवारी भर्ती परीक्षा में बिठाये गये ? पटवारी भर्ती घोटाले की जाँच का सच अब तक क्यों सामने नहीं आया?

भोपाल।पुरानी कहावत है, पूत के पाँव पालने में दिख जाते हैं, 2004 में भाजपा की सरकार ने सत्ता में आते ही प्रदेश के युवाओं के भविष्य की बोली लगाना प्रारंभ कर दी थी जो आज तक भी जारी है। चाहे व्यापम घोटाला हो, डीमेट घोटाला हो, शिक्षक भर्ती घोटाला हो, नर्सिंग घोटाला हो या पटवारी भर्ती घोटाला, भाजपा ने प्रदेश के करोड़ों युवाओं के भविष्य को घोटालों की भेंट चढ़ा दिया है।यह आरोप कांग्रेसा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एंव मप्र प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने लगाया।

सुरजेवाला ने कहा की व्यापम की 23 भर्ती प्रवेश परीक्षाओं में 1 करोड़ युवाओं के भविष्य की बोली लगाई गई और उनका भविष्य बेचा गया। व्यापाम के साथ ही डीमेट घोटाला भी सामने आया, जिसमें डेन्टल और मेडिकल टेस्ट के नाम पर 6 निजी मेडिकल और 16 निजी डेन्टल कॉलेजों की सारी सीटें 50 लाख रू. से लेकर 1.50 करोड़ रूपये बेच दी गईं। सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे में सीबीआई ने कहा कि डीमेट घोटाला व्यापम से भी बड़ा घोटाला है और हम इसकी जाँच भी नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि मप्र में संचालित फर्जी नर्सिंग कॉलेज घोटाला इतना व्यापक और बड़ा है कि जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। मप्र में 695 नर्सिंग कॉलेज संचालित किये जा रहे हैं, जिसमें 3 साल से परीक्षाएं स्थगित हैं और 1.50 लाख बच्चों का भविष्य अंधकार में डाल दिया गया है। उच्च न्यायालय को यह तक कहना पड़ा कि हैरत है कि नर्सिंग का एन न जानने वालों को भी परीक्षा की इजाजत दी गई। साथ ही न्यायालय ने यह भी कहा कि प्रदेश में चल रहे छद्म कालेज समाज में जहर घोल रहे हैं और कई ऐसे नर्सिंग कॉलेजों को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है।
सुरजेवाला ने कहा कि 22 नवम्बर, 2022 को कर्मचारी चयन मंडल ने ग्रुप-2, सबग्रुप-4, और पटवारी की संयुक्त परीक्षा के लिए नोटिस जारी किया था। छात्रों ने 5 जनवरी से 19 जनवरी 2023 तक फार्म भरे, पटवारी भर्ती परीक्षा में लगभग 9,78,266 अभ्यर्थियों ने भाग लिया। इसकी परीक्षा 15 मार्च से 25 अप्रैल 2023 तक ली गई। यह परीक्षा प्रदेश के 78 परीक्षा केंद्रों पर ली गई, 30 जून 2023 को इसका रिजल्ट जारी किया गया, इसमें लगभग 8,600 अभ्यार्थियों का चयन हुआ।

जब 10 दिन बाद मेरिट लिस्ट आयी तो पता लगा कि 10 में से 7 अभ्यार्थियों का परीक्षा सेंटर एक ही कॉलेज में था और कॉलेज भाजपा के विधायक का है। कई अभ्यर्थी ऐसे भी थे जो वनरक्षक भर्ती परीक्षा में फिट थे, जबकि उन्होंने पटवारी भर्ती परीक्षा में खुद को विकलांग बताया और विकलांग कोटे में उनका चयन हुआ। 
व्यापक रूप से 15-15 लाख रूपये लेकर पटवारी भर्ती परीक्षा में घोटाले की बात सामने आने लगी। मप्र के मुख्यमंत्री ने 19 जुलाई 2023 को ट्वीट करके बताया कि पटवारी भर्ती परीक्षा की जाँच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधिपति श्री राजेन्द्र कुमार वर्मा जी द्वारा की जायेगी और जांच के निष्कर्षों के आधार पर यथोचित अनुशंसाएं 31 अगस्त 2023 तक राज्य शासन को प्रस्तुत होंगी, जबकि सच्चाई यह है कि जाँच रिपोर्ट आज तक नहीं आयी है, और सरकार ने पटवारी भर्ती घोटाले पर पर्दा डाल दिया।
सुरजेवाला ने कहा कि पटवारी भर्ती घोटाला 4 अप्रैल 2023 को ही पकड़ में आ गया था, मगर उसके बावजूद भी 25 अप्रैल, 2023 तक पटवारी भर्ती परीक्षाएं ली गई और 4 अप्रैल, 2023 को पकड़ाये पटवारी भर्ती घोटाले पर पर्दा डाला गया। उन्होंने कहा कि 4 अप्रैल को ग्वालियर क्राईम ब्रांच को यह जानकारी प्राप्त हुई थी कि मनीष शर्मा पिता मदन मोहन शर्मा, निवासी थाटीपुर, जिला ग्वालियर तथा वीरभान बंसल पिता महेन्द्र सिंह बंसल निवासी थाटीपुर, जिला ग्वालियर, बंसल ऑफ़सेट, मयूर मार्केट, थाटीपुर पर आधार कार्ड के बायोमेट्रिक डेटा में मोम का इस्तेमाल कर और कम्प्युटर का इस्तेमाल कर व्यापक रूप से पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाले को आकार दे रहे हैं। जिसका अपराध क्रमांक 29 वर्ष 2023, धारा 419, 420, 467 के साथ में धारा 511 लगाकर अपराध पंजीबद्ध किया गया। मगर ऐसा प्रतीत होता है कि बड़े राजनेताओं और कर्मचारी चयन मंडल (व्यापम) के बड़े अधिकारियों को बचाने के लिए धारा 511 को जोड़ा गया, अर्थात् अपराध के प्रयास की धारा जोड़कर चुपचाप चालान भी पेश कर दिया गया, ताकि बड़े सफेदपोशों को बचाया जा सके। पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में लिखा है कि दोनों आरोपियों से पूछताछ में उनके द्वारा बताया गया कि वे लोग वर्तमान में चल रही मप्र पटवारी भर्ती परीक्षा के वास्तविक परीक्षार्थियों के स्थान पर सॉल्वर बिठाने के लिए वास्तविक परीक्षार्थी के आधार कार्ड में सेव अंगुल चिन्ह में से परीक्षार्थी के हाथ के दोनों अंगूठों के स्थान पर सॉल्वर के दोनों अंगूठों से बदलने का प्रयास कर रहे हैं। उक्त आरोपियों से मौके पर डेल कंपनी का लैपटॉप, मार्फो कंपनी की लाल काले रंग की दो बायोमेट्रिक मशीन तथा तीन सफेद मोम जैसे पदार्थ के अंगूठे के आकार के अंगुल चिन्ह जब्त किये गये। सवाल यह उठता है कि जब 4 अप्रैल 2023 को ही पटवारी भर्ती परीक्षा में व्यापक घोटाले के प्रमाण मिल गए थे, तो भी पटवारी भर्ती परीक्षा जारी रखकर घोटाला होने दिया गया।

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सतना से भोपाल सिर्फ 2 घंटे में, मध्यप्रदेश के 7वें एयरपोर्ट बनेगा सतना

सतना :हवाई सफर के मामले में मध्य प्रदेश एक कदम और आगे बढ़ गया है यहां प्रदेश के 7वें एयरपोर्ट के रूप में सतना एयरपोर्ट तैयार हो गया है। जल्द ही सतना एयरपोर्ट से प्रदेश के प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली उड़ानें शुरू होने जा रही हैं सांसद गणेश सिंह ने बताया कि सतना से भोपाल, जबलपुर, सिंगरौली आदि शहरों के लिए फ्लाइट्स शुरू होने वाली हैं एयरपोर्ट के उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और मुख्यमंत्री को भी सांसद गणेश सिंह ने आमंत्रित किया है बस तारीख तय होने का इंतजार किया जा रहा है।

1962 में बनी थी हवाई पट्टी, अब कर्मशियल एयरपोर्ट
गुरुवार को जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सांसद गणेश सिंह ने एयरपोर्ट का निरीक्षण किया इस दौरान उन्होंने टर्मिनल बिल्डिंग के साथ वहां मौजूद सुविधाओं की जानकारी ली सांसद गणेश सिंह ने कहा,यह बहुत पुरानी हवाई पट्टी है, जो 1962 में बनी थी तब यहां पर कुछ निजी और सरकारी प्लेन उतरा करते थे लेकिन उस समय यहां एयरपोर्ट जैसी कोई सुविधा नहीं थी अब जब हमारे प्रधानमंत्री जी ने देश के 100 हवाई अड्डों को क्षेत्रीय उड़ान सेवा में शामिल किया, तो सतना को भी उसमें शामिल किया गया।

उड़ान भरेंगे 19 सीटर विमान
सांसद ने आगे कहा, ” हवाई पट्टी के नवीनीकरण के साथ पूरा एयरपोर्ट बनकर तैयार हो गया है फिलहाल यहां 19 सीटर वाले विमानों के लिए रनवे बनाया गया है। अब इसमें बड़े विमानों को चलाने के लिए भी हवाई पट्टी का निर्माण होगा जल्द ही इसका उद्घाटन होगा, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री जी और उड्डयन मंत्री भी शामिल होंगे फ्लाय ओला कंपनी से हमारी मीटिंग हो चुकी है और वह भी यहां फ्लाइट्स देने के लिए तैयार है जैसे ही उद्घाटन की तारीख शुरू हो जाएगी वैसे ही यहां से भोपाल, जबलपुर, रीवा आदि शहरों के लिए एयर टैक्सी चलेगी।

मध्यप्रदेश में एयरपोर्ट
मध्य प्रदेश में फिलहाल भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर, खजुराहो और रीवा एयरपोर्ट चालू हैं वहीं सातवें एयरपोर्ट के रूप में सतना भी शुरू होगा गौरतलब है कि सतना एयरपोर्ट अथॉरिटी का स्टाफ भी यहां पहुंच चुका है, ये करीब 15 लोगों का स्टाफ है इसके अलावा फायर ब्रिगेड और सुरक्षा का अलग से स्टाफ यहां लगाया जा रहा है इस बीच यहां से संभावित उड़ानों का शेड्यूल भी जारी किया गया है।

सतना से भोपाल 2 घंटे में
फिलहाल सतना से भोपाल जाने में बाय रोड व ट्रेन 9 से 10 घंटे का वक्त लगता है वहीं एयर टैक्सी शुरू होती है तो 522 किमी का ये डिस्टेंस कवर करने में 2 से ढ़ाई घंटा लग सकता है दरअसल, फ्लाय ओला डॉट इन के मुताबिक रीवा से भोपाल एयरटैक्सी 2 से ढाई घंटे का वक्त लेती है। रीवा और सतना की दूरी काफी कम है। ऐसे में सतना से भोपाल भी लगभग इतना समय ही लग सकता है।

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