पीपीएम ब्यूरो
उज्जैन। भोगों का उपभोग मनुष्य जन्मों से कर रहा है। इतने भोग भोगने के बावजूद आज तक किसी की तृप्ति नहीं हुई। जीभ को स्वादिष्ट भोजन चाहिए। नेत्र को हमेशा अच्छा दृश्य चाहिए। कान को मधुर संगीत चाहिए। नाक को अच्छी सुगंध चाहिए। त्वचा को अच्छा स्पर्श चाहिए। फिर भी तृप्ति नहीं होती। तृप्ति चाहिए तो इन सबका त्याग करना पड़ता है। कोई भी चीज ग्रहण करते हुए नहीं छूट सकती। उसका त्याग जरूरी है। यह काम कठिन जरूर है, पर स्वयं पर नियंत्रण रखना पड़ता है।
यह बात यह बात हामूखेड़ी स्थित आरके ड्रीम्स में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक जया किशोरी ने कही। उन्होंने बुधवार को भक्त प्रहलाद्, सागर मंथन, वामन अवतार, राजा बलि की कहानी सुनाई। इक्ष्वाकु वंश के राजा अम्बरीश की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान की बनाई दुनिया इतनी सुंदर है कि कोई इसका त्याग कैसे करें? भगवान का कहना है कि दुनिया इसलिए इतनी सुंदर नहीं बनाई कि मुझे भूल जाओ। दुनिया इसलिए सुंदर है कि मेरा भजन करने में तकलीफ न हो। जो कुछ भी भगवान ने दिया, रिश्ते, नाते, रिश्तेदार। सभी को हमने अपने दुख का कारण बना लिया। संसार कुए की तरह है। बाहर रहकर अपनी जरूरत की चीजें निकालते रहो। ज्यादा अंदर की चीजें निकालोगे तो डूब जाओगे। आज हर इंसान हर काम के लिए समय निकाल रहा है, लेकिन सत्संग के लिए समय नहीं निकाल रहा। जो कभी भगवान के लिए समय नहीं निकालते, वही जब कठिनाई आती है तो आधी रात को भी भगवान को ही याद करते हैं। जैसे बच्चे को अपने मां-बाप पर भरोसा रहता है, वही भरोसा भगवान पर होना चाहिए। हम भगवान से सब मांगते हैं, सिवाय भगवान के।
धर्म के पांच लक्षण हैं, जिसका पालन सभी प्रतिदिन कर सकते हैं। पहला है सत्य। जितना हो सके सत्य की राह पर चलें। दूसरा दया करना। तीसरा लक्षण पवित्रता। चौथा लक्षण तपश्चर्या। पांचवां लक्षण है भगवान पर भरोसा। जो भगवान पर भरोसा करते हैं, उसके सारे काम अच्छे होते हैं। हमारा काम कर्म करना है। भगवान विष्णु ने गजेन्द्र को मोक्ष प्रदान किया। भगवान से कभी बराबरी नहीं करना चाहिए। मनुष्य हर मामूली बात पर भगवान से बराबरी करने लगता है। अमृत यानी गुण। असली जीवन में सुंदरता के पीछे मत भागो, गुण के पीछे भागो।
































































































































































































































































































































































































































































































































































