पीपीएम ब्यूरों
इंदौर। घर से बाहर रहने पर बुजुर्गों, कामकाजी महिलायें व बच्चों के लिए परिवार के अन्य सदस्य हमेशा चिंतित ही रहते है ।अब उन्हें राहत देने के लिए पुलिस ने सिटिज़नकॉप फाउंडेशन की मदद से सिटिज़नकॉप एप्लीकेशन में एक नया फ़ीचर जोड़ा है जिसका नाम आलंबन है। इस मौजूद ऑप्शन में यदि घर से निकलने वाला सदस्य तय समय पर घर नहीं पहुंचता है तो जो नंबर इसमे रजिस्ट्रर्ड किया गया है उसमे लोकेशन के साथ अलर्ट का मैसेज आ जाएगा। इस फीचर को गुरुवार को भोपाल में लॉंच किया गया।
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भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया ये देश का ऐसा पहला फीचर है जिसमे मुसीबत के समय पीड़ित को कोई बटन दबाने की भी ज़रूरत नहीं है। इसमें फीड की गई जानकारी देकर ही परिवार तक जानकारी लोकेशन के साथ पहुँच जाएगी। आलंबन एप के इस्तेमाल के लिए इंटरनेट की ज़रूरत नहीं है, ये फीचर ऑफलाइन भी चलाया जा सकता है। इसमें एसएमएस की तरह अलर्ट परिजन तक पहुँचता है। इसके लिए स्मार्ट फ़ोन होना ज़रूरी है साथ ही जीपीएस रहना चाहिये।
ऐसे काम करेगा ये फ़ीचर
सिटीजन कॉप के इस फ़ीचर पर जाने पर एक ऑप्शन आएंगा।जिस पर अपने किसी भी तीन परिजनों या परिचित का फ़ोन नंबर सेव करना होगा। इसके बाद मुसीबत के समय जो अलर्ट जायेगा उसके लिए एक मैसेज लिखना होगा।इस जानकारी को सेव करने पर वापस इस ऑप्शन से बाहर आना होगा । दोबारा से इस ऑप्शन में जाने पर एक टाइमर नज़र आयेगा। सीनियर सिटीजन घर से मंदिर, घूमने, मॉर्निंग वॉक पर जाते समय एक नियमित समय को इस टाइमर में सेट करेंगे।किसी कारणवश वो इस समय सीमा में घर नहीं पहुँच पाते है, तो फीड नंबरों पर मदद के लिए लोकेशन के साथ मैसेज जाएगा।
सिटिज़नकॉप फाउंडेशन के फाउंडर राकेश जैन बताते है की यह नया फीचर खास कर सीनियर सिटीजन, कॉलेज गर्ल्स व कामकाजी महिलाओं के लिए मददगार है। महिलायें जिनका कार्य समय विषम होता है, जिन्हें घर लौटने में रात हो जाती है, उनके लिए ये एक सेफ़्टी टूल है।