सफलता से लिए एकाग्रता और उस कार्य में रुचि होना जरूरी है
रजनी खेतान
इंदौर।सफलता जीवन में हर एक को और हर क्षेत्र में चाहिए।इसके लिए हम पूरी मेहनत भी करते,लेकिन कोई सफल होता है और कोई असफल। जब हम असफल होते हैं तो निराश होकर उस कार्य को छोड़ देते हैं, पर हमें यह बात अच्छी तरह से समझना हैं कि हर बड़ी सफलता के पीछे छोटी – छोटी अनेक असफलता छिपी रहती है, हमें उन असफलताओं से कुछ न कुछ सीखकर कर सदा आगे बढ़ना है । रुकना और थकना नहीं है। तभी हम सफलता की मंजिल पर पहुंच सकते हैं।
उक्त विचार दिल्ली से पधारी इंटरनेशन मेमोरी ट्रेनर एवं मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. अदिति सिंघल ने ब्रह्माकुमारीज के ज्ञान शिखर ओम शांति भवन में आयोजित विद्यार्थियों के लिए विशेष कार्यक्रम “सफलता का मंत्र” विषय पर अपने विचार रखते हुए व्यक्त किए। उन्होंने आगे बताया कि सफलता के लिए एकाग्रता बहुत जरुरी है। आज एकाग्रता की कमी का सबसे बड़ा कारण हाई कैलोरी डिजिटल डाइट है। आजकल बच्चे टीवी , इंटरनेट ,मोबाइल पर ज्यादा समय बिताते है। जिससे बुद्धि मोटी हो जाती है और मोटी बुद्धि होने से पढ़ाई की बातों को समझ नहीं पाते, एकाग्र नहीं हो पाते । इसलिए उन्होंने बच्चों को मोबाईल इन्टरनेट के सीमित उपयोग पर विशेष ध्यान खिंचवाया। आपने कहा मोबाईल हमारे लिए हैं हम मोबाईल के लिए नहीं।

साथ ही विद्यार्थियों में गणित विषय के प्रति रुचि जागृत करने, नई शिक्षा नीति के अनुरुप गणित विषय को सहज बनाने के लिए बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारिया दी । मैथ्स में बच्चों की मेमोरी को कैसे बढ़ाया जाए इसके लिए मैमोरी गेम्स के माध्यम से कई तकनीक सिखाई ।
उन्होंने सफल होने के लिए विद्यार्थीयों को तीन मंत्र दिए:
1. जीवन में कभी किसी कार्य के लिए ना नहीं कहना इससे जीवन में सदा आगे बढ़ोगे ।
2. रोज की दिनचर्या में कुछ न कुछ नया करने के लिए 5या 10 मिनट का समय जरुर दें ।
3. सबकी दुआएं जरुर ले। इसके लिए खासकर अपने पेरेंट्स और टीचर का दिल कभी नहीं दुखाएं क्योंकि संसार में यह दो ही ऐसे संबंध हैं जो हमेशा अपने बच्चों को अपने से आगे बढ़ाना चाहते हैं। अतः इनकी बातों का कभी बुरा नहीं माने।
इस अवसर पर इंदौर जोन की क्षेत्रीय निर्देशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने अपने आशीर्वचन देते हुए कहा कि हम जीवन में सफलता के लिए कई प्रयास करते हैं पर आज आपको यहां एक ऐसा सफलता का मंत्र मिलने वाला है, जिसके आधार पर आप जीवन में सदा सफल ही नहीं होंगे अपितु जीवन में नई ऊंचाईयों को भी हासिल करेंगे।
अंत में मेडिकल विंग की जोनल को ऑर्डिनेटर ब्रह्माकुमारी उषा बहन ने सभी बच्चों एवं उनके पेरेंट्स को नशा मुक्ति हेतु शपथ दिलाई। सभी को एकाग्रता के लिए राजयोग मेडीटेशन का अभ्यास भी कराया गया।कार्यक्रम में लगभग 300 विद्यार्थियों एवं पेरेंट्स ने भाग लिया।
































































































































































































































































































































































































































































































































































