पीपीएम ब्यूरो
रायपुर। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा ईडी के आवेदन पर तथाकथित शराब और कोल घोटाले में किया गया एफआईआर भाजपा का राजनैतिक षड़यंत्र है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जब इन दोनों ही मामलों की पिछले तीन वर्षो से ईडी जांच कर रही थी फिर इस मामले में ईओडब्ल्यू द्वारा एफआईआर दर्ज करने की आवश्यकता क्यों पड़ी? इन दोनों ही एफआईआर में 105 लोगों के नाम शामिल है उसके बाद एफआईआर में यह लिखना ‘‘एवं कांग्रेस के पदाधिकारीगण’’ इस बात का प्रमाण है यह एफआईआर कांग्रेस को बदनाम करने की साजिश है तथा कांग्रेस नेताओं की छवि खराब करने की सोची समझी साजिश है। कुछ लोगों के नाम एफआईआर में शामिल करने के बाद पूरी पार्टी को कटघरे में खड़ा किये जाने का प्रयास भाजपा सरकार की हताशा है और फासीवादी चरित्र है।
शुक्ला ने कहा कि झूठे वादों और ईवीएम के सहारे सरकार में आई भाजपा कांग्रेस का राजनैतिक रूप से मुकाबला नहीं कर पा रही इसलिये पार्टी के सभी पदाधिकारियों पर दबाव डालने की कोशिश की जा रही है। भाजपा भुलावे में है कि इस प्रकार के फर्जी एफआईआर से पार्टी के कार्यकर्ताओं को डरा लेगी, कांग्रेस का कार्यकर्ता भाजपा के इन हथकंडों से डरने वाला नहीं है। भाजपा की केंद्र सरकार और राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता संघर्ष करता रहेगा। मोदी और साय सरकार की वायदा खिलाफी को लेकर कांग्रेस का कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव में जनता के बीच जायेगा और बेनकाब करेगा।
































































































































































































































































































































































































































































































































































