रजनी खेतान
इंदौर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-एक से भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला के द्वारा दायर परिवाद पर जिला अदालत ने 20 दिसंबर तक पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया हैं।
शुक्ला के वकील सौरभ मिश्रा ने बताया कि कैलाश विजयवर्गीय ने नामांकन के साथ प्रस्तुत अपने शपथ पत्र में आपराधिक मामलों की जानकारी के साथ ही अन्य जानकारियां भी छिपाई है। जिसकी आपत्ति मय प्रमाण के साथ कांग्रेस द्वारा लेने के उपरांत भी रिटर्निग आफिसर ओम नारायण बड़कुल द्वारा संज्ञान नहीं लिया गया। इसकी शिकायत कांग्रेस प्रत्याशी संजय ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी, भारत निर्वाचन आयोग को की है। साथ ही शपथ पत्र में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाना आपराधिक कृत्य । कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा इसकी शिकायत थाना रावजी बाजार में की गयी। लेकिन पुलिस अधिकारी द्वारा इस पर कोइ कदम नहीं उठाया गया। थाने पर सुनवाई ना होने पर कांग्रेस प्रत्याशी ने पुलिस आयुक्त इंदौर मकरंद देउस्कर को भी आपराधिक मामला दर्ज करने बाबद लिखित शिकायत दर्ज करायी।
पुलिस द्वारा कांग्रेस प्रत्याशी की शिकायत पर कोई संज्ञान न लेने पर उनके द्वारा धारा 156(3),190,200 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत फौजदारी परिवाद विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एम.पी/एम.एल.ए कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था। परिवाद में भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने ऊपर दर्ज गम्भीर आपराधिक प्रकरण धारा 376,417,406,313,120B भादवि की जानकारी शपथ पत्र में जानबूझकर छिपाया है, जबकि विजयवर्गीय उक्त प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में criminal appeale no. 1581/2021 स्वंय के नाम से लगाई थी। साथ ही एक आपराधिक प्रकरण छत्तीसगढ़ दुर्ग में लंबित है, जिसका प्रकरण क्रमांक 1623/2012 है उक्त प्रकरण में संमस एवं जमानती वारंटो की तामिली विजयवर्गीय पर होने के उपरांत भी उपस्थित नहीं हुए और न्यायालय ने उन्हें फरार घोषित किया है।विजयवर्गीय आज तक फरार है। उक्त प्रकरण की भी जानकारी छिपाई है।साथ ही उनकी पत्नी आशा विजयवर्गीय एक चिटफंड कंपनी की डायरेक्टर होने संबंधी भी जानकारी छिपाई है।
नामांकन के साथ प्रस्तुत किए जाने वाले शपथ पत्र में उक्त जानकारी छिपाना एक दंडनीय अपराध है। अत: धारा 420,191,193,218,34भादवि के भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय, रिटर्निंग अधिकारी ओम नारायण बड़कुल, पुलिस कमिश्नर मकरन्द देउस्कर, एवं रावजी बाजार थाना प्रभारी आमोद सिंह राठौर के के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया जाए।इस परिवाद पर न्यायालय ने 20 दिसंबर तक पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।