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शीत-लहर: बचने के लिए बरते सावधानी

पीपीएम ब्यूरों इंदौर।शीत लहर का प्रभाव प्रत्येक वर्ष दिसंबर-जनवरी के महीनों में होता है और कभी-कभी विस्तारित शीत लहर की घटनाएं नवंबर से फरवरी तक होती है। शीत लहर, बारिश, कोहरा आदि देश के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करने वाले प्रमुख मौसम संबंधी खतरों के रूप में उभरे है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार […]