अशोक लोढ़ा
जयपुर।राजस्थान में नए सीएम को लेकर सस्पेंस अब खत्म हो गया है। सांगानेर सीट से विधायक बने भजन लाल शर्मा ही राजस्थान के नए मुख्यमंत्री होंगे। दिल्ली से आए पर्यवेक्षकों ने विधायक दल की बैठक के बाद भजन लाल शर्मा का नाम तय कर लिया है।
भरतपुर के रहने वाले भजन लाल शर्मा संगठन में लंबे समय से कार्यरत हैं। वे प्रदेश महामंत्री के तौर पर कार्य करते रहे हैं। बीजेपी ने उन्हें पहली बार जयपुर की सांगानेर जैसी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ाया और पहली बार में ही वे सीएम बने हैं। मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर भजन लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया था। भजन लाल शर्मा पहली बार विधायक बने हैं। वे 4 बार प्रदेश महामंत्री रहे हैं। आरएसएस और एबीवीपी से जुड़े रहे हैं।सांगानेर से विधायक है।बताते चलें कि सांगानेर सीट भाजपा का गढ़ है। ऐसे में भजन लाल शर्मा ने वहां से जीत दर्ज की। संगठन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए उन्हें मुख्यमंत्री पद की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
पर्यवेक्षकों संग बैठक में हुआ फैसला
भाजपा आलाकमान ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय को राजस्थान का पर्यवेक्षक बनाया था। आज दोपहर तीनों नेता जयपुर पहुंचे, विधायकों संग बैठक की। आज दोपहर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे से वन टू वन मीटिंग की थी। उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी राजनाथ सिंह से फोन पर बात की थी।
बताते चलें कि राजस्थान का रण जीतने के बाद भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि सीएम किसे चुना जाए। लेकिन सीएम पद की यह रेस अब थम गई है। इस रेस में कई नाम चल रहे थे। इस लिस्ट में सबसे पहला नाम वसुंधरा राजे का चल रहा था। वो पहले भी राजस्थान की कमान संभाल चुकी हैं। इसके अलावा राजस्थान में हिंदुत्व के पोस्टर बॉय बन गए बाबा बालकनाथ के नाम पर भी चर्चा थी। वहीं गजेंद्र शेखावत, सीपी जोशी, दीया कुमारी और राजवर्धन राठौड़ जैसे नाम भी रेस में थे।
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दिया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा उप मुख्यमंत्री
बीजेपी ने अपनी निति पर कामयाब रहते हुए राजस्थान में भी भजनलाल शर्मा के चौंकाने वाले नाम की घोषणा कर दी है साथ ही दिया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। इसके अलावा अजमेर नॉर्थ से विधायक वासुदेव देवनानी को राजस्थान विधानसभा का स्पीकर बनाया गया है। वे 2003 से लगातार पांचवीं बार विधायक बने हैं।
डिप्टी सीएम बने प्रेमचंद बैरवा जयपुर की दूदू विधानसभा सीट से विधायक बने हैं। 44 वर्षीय प्रेमचंद प्रेमचंद बैरवा ने इस बार कांग्रेस के धाकड़ नेता बाबूलाल नागर के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज की। बैरवा ने नागर को 35,743 वोटों के अंतर से हराया। विधानसभा चुनाव में बैरवा को 116561 वोट मिले, जबकि दूसरे स्थान पर रहे बाबूलाल नागर को 80818 मत ही मिले।
राजघराने से आने वाली दीया कुमारी ने विद्याधर नगर विधानसभा सीट से प्रचंड जीत हासिल की है। चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, दीया कुमारी को 158516 वोट मिले हैं। जयपुर की राजकुमारी दीया कुमारी स्वर्गीय ब्रिगेडियर भवानी सिंह और महारानी पद्मिनी देवी की बेटी हैं। उन्होंने 10 साल पहले राजनीति में कदम रखा और साल 2013 में सवाई माधोपुर से विधायक चुनी गईं। इसके बाद दीया ने साल 2019 में राजसमंद से लोकसभा का चुनाव भी जीता था।
बीजेपी ने इस साल दीया कुमारी पर भरोसा जताते हुए उन्हें जयपुर की विद्याधर नगर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था। दीया कुमारी की प्रारंभिक शिक्षा जयपुर के महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल और नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से हुई। उन्होंने लंदन के चेल्सी स्कूल ऑफ आर्ट्स से पढ़ाई की है। अपने माता-पिता की इकलौती संतान होने के कारण वह अपनी दादी राजमाता गायत्री देवी की देखरेख में पली बढ़ी हैं।
सीएम को लेकर अंत तक था सस्पेंस
गौरतलब है कि एमपी और छत्तीसगढ़ में बीजेपी आलाकमान ने जिस तरह से फैसला लेकर सबको चौंका दिया, उसे देखकर राजस्थान में बीजेपी के सभी 115 विधायकों की उम्मीद जग गई थी कि बंद लिफाफे में उनका नाम भी हो सकता है। हुआ भी कुछ ऐसा ही।
बिना सीएम फेस के BJP ने लड़ा था चुनाव
छत्तीसगढ़ और एमपी की तरह राजस्थान में भी बीजेपी ने बिना सीएम चेहरे के चुनाव लड़ा था। बीजेपी इन चुनावों में पीएम मोदी के चेहरे पर जमीन पर उतरी। राजस्थान में 200 में से 199 सीटों पर हुई वोटिंग में बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की है। पार्टी ने 115 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं, 69 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली।