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बंगले आवंटन को लेकर उलझा  गृह विभाग,अधिकारियों के सामने परेशानी खड़ी कर रहे पूर्व मंत्री

राजेन्द्र पराशर

भोपाल। राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ 28 मंत्रियों से शपथ ले ली, इसमें 21 मंत्री ऐसे हैं, जिन्हें गृह विभाग को निवास के लिए बंगला आवंटन करना है। मगर विभाग के सामने समस्या यह है कि जिन दिग्गज पूर्व मंत्रियों को पहले से बंगले आवंटित हैं, उनसे बंगले कैसे खाली कराए। इसके अलावा चुनाव चुनाव हारे पूर्व मंत्री भी बंगलों का मोह नहीं त्याग पा रहे हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद इन दिनों सबसे ज्यादा परेशान है तो वह राज्य का गृह विभाग। उसे नए मंत्रिमंडल के 28 सदस्यों में से 21 को बंगले आवंटित करना है। 7 पूर्व मंत्रियों को पहले से ही बंगले आवंटित है, इस वजह से उनकी चिंता गृह विभाग को नहीं है। मगर 21 बंगलों के आवंटन ने विभाग के अधिकारियों को उलझा दिया हैं। अधिकारियों के सामने परेशानी इस बात की है कि चुनाव जीत कर आए पूर्व मंत्रियों गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह, उशा ठाकुर, डा प्रभुराम चौधरी,हरदीप डंग, ओमप्रकाश सखलेचा, बृजेन्द्र प्रताप सिंह, बिसाहूलाल सिंह, मीना सिंह से किस तरह से बंगले खाली कराएं। इसके अलावा चुनाव ना लड़ने वाली पूर्व मंत्री यशोधरा राजे सिंंधया और ओपीएस भदौरिया का नाम भी इसमें शामिल हैं। अधिकारियों के सामने परेशानी है कि इन मंत्रियों को बंगले खाली करने के लिए किस तरह कहा जाए। दूसरी और चुनाव हारे पूर्व मंत्रियों गौरीशंकर बिसेन, कमल पटेल, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, अरविंद भदौरिया, रामकिशोर कावरे आदि हैं जिनके पास अभी भी बंगले हैं।
दिग्गजों के लिए करना है बड़े बंगलों का आवंटन
विभाग को वैसे अभी तक किसी मंत्री ने बंगले आवंटन के लिए कहा नहीं है, मगर विधायक प्राथमिकता के तौर पर कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, राव उदयप्रताप सिंह, संपतिया उइके को बंगला आवंटन करने के लिए चिंतित है। अधिकारियों को मानना है कि इन मंत्रियों को अपनी पसंद के अनुरूप बड़े बंगले चाहिए होंगे, अगर पूर्व मंत्रियों ने बंगले खाली नहीं किए तो उनके सामने मुसीबत खड़ी हो जाएगी। इसके चलते अधिकारी अब बंगले आवंटन का मामला मुख्यमंत्री सचिवालय को सौंपने की तैयारी कर चुके हैं। अधिकारी राजधानी स्थित बड़े बंगलों की सूची तैयार कर मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजने की तैयारी कर रहे हैं।

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