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केयरटेकर मुख्यमंत्री के दबाव में बीजापुर कलेक्टर को हटाने और पाटन में आचार संहिता के उल्लंघन की जाँच नहीं की जा रही है : भाजपा

पीपीएम ब्यूरो

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता व पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि केयरटेकर मुख्यमंत्री के दबाव में कलेक्टर को हटाने के कार्रवाई हो या खुद के पाटन निर्वाचन क्षेत्र में आचार संहिता के उल्लंघन का मामला हो, इसकी जांच नहीं की जा रही है। चंद्राकर ने कहा कि राज्य निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से भाजपा द्वारा की गईं तमाम शिकायतों पर हमारे सामने बुलाकर, हमारी उपस्थिति में उसकी जाँच कराई जाए, हमारा पक्ष भी सुना जाए और यदि उसको नस्तीबद्ध किया गया है, उसकी ब्योरेवार जानकारी दी जाए। चंद्राकर ने आरोप लगाया कि कर्मचारियों के भी मतदान में अनियमितता बरती गई। कर्मचारियों के मतदान का प्रतिशत ज्यादा हुआ। किसी कर्मचारी की चुनाव से ड्यूटी कट जाने पर उसका नाम हटाया गया परंतु वह कर्मचारी अपने मूल स्थान पर भी मतदान से वंचित हो गए। यह जानबूझकर किया गया क्योंकि केयरटेकर मुख्यमंत्री यह जानते थे कि कर्मचारी वर्ग कांग्रेस से नाराज है और जितना वह अधिक वोट करेंगे, उतनी कांग्रेस को क्षति होगी। इसलिए कम-से-कम 25 हजार कर्मचारियों को मतदान से षड्यंत्रपूर्वक वंचित किया गया।

रविवार को एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में आहूत पत्रकार वार्ता में कहा कि बैलेट पेपर द्वारा हुए मतदानों में उजागर व्यापक अनियमितताओं को लेकर भारतीय जनता पार्टी बेहद गंभीर है और इस दिशा में समाधानकारक कार्रवाई की मांग करती है। विधानसभा चुनाव, 2023 में चुनाव ड्यूटी तथा आवश्यक सेवा में नियुक्त शासकीय कर्मचारियों हेतु बैलेट पेपर के माध्यम से मतदान की व्यवस्था की गई थी I इसके अतिरिक्त 80 वर्ष से अधिक एवं दिव्यांग  मतदाताओं हेतु भी बैलेट पेपर के माध्यम से उनके निवास पर मतदान की विशेष व्यवस्था की गई थी किन्तु सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ से बैलेट पेपर से हुए मतदानों में व्यापक अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हुई हैंI चुनाव ड्यूटी में नियुक्त कर्मचारियों हेतु इस बार पोस्टल-बैलेट से मतदान के स्थान पर कर्मचारियों की सूची बनाते हुए प्रशिक्षण केंद्र पर सुविधा केंद्र बनाकर चुनाव ड्यूटी में जाने के पूर्व मतदान की व्यवस्था की गई थी।

चंद्राकर ने कहा कि निष्पक्ष चुनाव हेतु आवश्यक है कि प्रत्याशियों अथवा उनके अभिकर्ताओं को इस मतदान के स्थान, समय इत्यादि की जानकारी दी जाती तथा उनको चुनाव के समय उपस्थित रहने का अवसर प्रदान कर निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किया जाता। लेकिन, भारतीय जनता पार्टी के किसी प्रत्याशी अथवा अभिकर्ता को उपरोक्त मतदान के स्थान, समय इत्यादि की जानकारी नहीं दी गई जबकि कांग्रेस पार्टी को निर्वाचन अधिकारियों द्वारा यह जानकारी दे दी गई थी तथा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के द्वारा सुविधा केन्द्रों में जाकर मतदान को व्यापक रूप से प्रभावित किया गया है। सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ से इस आशय की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।

चंद्राकर ने कहा कि चुनाव ड्यूटी में नियुक्त कर्मचारियों हेतु पोस्टल-बैलेट से मतदान के स्थान पर कर्मचारियों की सूची बनाते हुए जिला मुख्यालय (कलेक्टोरेट) में सुविधा केंद्र बनाकर चुनाव ड्यूटी में जाने के पूर्व मतदान की व्यवस्था के कारण अधिकांश शासकीय कर्मचारी मतदान से वंचित हो गए हैं। इसमें मुख्यतः वे कर्मचारी हैं, जिनकी किसी कारण पूर्व से ही जिला मुख्यालय से पृथक ड्यूटी निर्धारित थी तथा वे मतदान हेतु निर्धारित समयावधि में जिला मुख्यालय में निर्धारित स्थान में पहुँच पाने में असमर्थ थे। इसके अतिरिक्त वे कर्मचारी, जिनकी चुनाव में पूर्व में तो ड्यूटी लगाई गई थी किन्तु बाद में स्वास्थ्य अथवा अन्य कारणों से उनकी चुनाव ड्यूटी निरस्त कर दी गई। ऐसे कर्मचारियों का नाम चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की सूची में था जिसमें संशोधन नहीं किया गया। इस कारण चुनाव हेतु निर्धारित दिवस 17 नवंबर, 2023  को जब वे अपने पोलिंग बूथ मतदान हेतु पहुँचे तो रिटर्निंग ऑफिसर्स द्वारा उनको मतदान नहीं करने दिया गया। श्री चंद्राकर ने कहा कि 80 वर्ष से अधिक एवं दिव्यांग मतदाताओं हेतु बैलेट पेपर के माध्यम से उनके निवास पर मतदान की विशेष व्यवस्था की गई थी I इस व्यवस्था के अनुसार प्रत्याशियों अथवा उनके अभिकर्ताओं को मतदान दल के जाने-आने का रूट-मैप तथा मतदान की सूचना दी जानी आवश्यक थी तथा वे हो रहे मतदान का दूर से अवलोकन भी कर सकते थे। परंतु निर्वाचन अधिकारियों द्वारा भारतीय जनता पार्टी के किसी प्रत्याशी अथवा अभिकर्ता को उपरोक्त चुनाव के रूट-मैप, स्थान या समय की जानकारी नहीं दी गई, जबकि पूरे प्रदेश से मिल रहीं शिकायतों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी को निर्वाचन अधिकारियों द्वारा पूर्व में ही  जानकारी दे दी गई थी तथा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के द्वारा इन मतदाताओं के निवास  तक जाकर मतदान प्रभावित किया गया है।

केंद्र सरकार एवं केन्द्रीय संस्थानों की आवश्यक सेवाओं में नियुक्त कर्मचारियों को चुनाव आयोग के द्वारा ई-मेल तथा अन्य माध्यम से मतदान की सूचना देकर बैलेट पेपर द्वारा मतदान की विशेष व्यवस्था की गई थी किन्तु भारतीय जनता पार्टी के किसी प्रत्याशी अथवा अभिकर्ता को केंद्र सरकार एवं केन्द्रीय संस्थानों की आवश्यक सेवाओं में नियुक्त कर्मचारियों को दी गयी सूचना, उनके द्वारा किए गए मतदान इत्यादि का कोई विवरण प्रदान नहीं किया गया है I उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने एक बार नहीं, अनेक बार राज्य निर्वाचन आयोग से संपर्क किया और जिसमें कई गंभीर शिकायत बुजुर्ग और  दिव्यांग मतदाताओं के मतदान के संबंध में संबंधित क्षेत्र के राजनीतिक दल के प्रत्याशी या उनके पोलिंग एजेंट को खबर नहीं की। जहां पर लोग जागरूक थे, उन्होंने जब जानकारी मांगी, तभी उनको जानकारी मिल पाई। इन सारे तथ्यों से स्पष्ट है कि बैलेट पेपर से हुए मतदान निष्पक्ष नहीं हैं तथा उनका कोई विवरण भी भारतीय जनता पार्टी को प्रदान नहीं किया गया है I 

चंद्राकर ने कहा कि मतगणना केन्द्रों में पर्याप्त सुविधाएँ होनी चाहिए। उनके बैठने की जगह पर्याप्त हो। जिन कमरों में मतगणना होनी है, वह काफी छोटे हैं। वहाँ प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। मतगणना अभिकर्ता को स्टेशनरी ले जाने की सुविधा दी जानी चाहिए। भाजपा द्वारा प्रत्याशी एवं निर्वाचन अभिकर्ताओं द्वारा समय समय पर शिकायतें की गईं लेकिन उस पर क्या कार्रवाई की गई, इसकी जानकारी नहीं दी गई I  श्री चंद्राकर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मांग करती है कि त्वरित रूप से बैलेट पेपर से हुए उपरोक्त समस्त मतदानों का विवरण प्रदान करें  तथा बैलेट पेपर से हुए मतदानों की अनियमितताओं को गंभीरता से लेकर इन तमाम शिकायतों का निराकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के एक मंत्री कवासी लखमा ने कुरुद विधानसभा में बिना अनुमति के सभा किया जिसकी भी शिकायत उन्होंने निर्वाचन आयोग से की है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग अगर भाजपा की शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं करेगी तो भाजपा भारत निर्वाचन आयोग एवं न्यायालय में भी इन शिकायतों को लेकर जाएगी।

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