कोहली के चयन की कीमत अपना पद खोकर चुकाया- दिलीप वेंगसरकर
दिल्ली: 28 सितम्बर, विराट कोहली को साल 2008 में टीम इंडिया में चुनने के कारण दिलीप वेंगसरकर को मुख्य चयनकर्ता पद से हटा दिया गया था। दिलीप वेंगसरकर ने यह चौंकाने वाला खुलासा किया है। 18 अगस्त 2008 को 19 वर्ष की उम्र में विराट कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ ओडीआई डेब्यू किया था। उस वक्त दिलीप वेंगसरकर मुख्य चयनकर्ता थे। दिलीप वेंगसरकर ने रहस्य खोलते हुए बताया है कि उन्हें विराट कोहली के चयन की कीमत अपना पद खोकर गंवानी पड़ी। उन्होंने कहा कि तब तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष एस बद्रीनाथ की अनदेखी करने के लिए उनसे खुश नहीं थे। वेंगसरकर जानते थे कि बद्रीनाथ दक्षिण से थे, जो श्रीनिवासन की आईपीएल टीम सीएसके लिए खेल रहे थे। ऐसे में जब वेंगसरकर ने कोहली को वरीयता दी, तो वह मुख्य चयनकर्ता से बेहद नाराज हो गए। बीसीसीआई अध्यक्ष श्रीनिवासन ने वेंगसरकर से सवाल किए कि उन्होंने बद्रीनाथ को क्यों नहीं चुना?
इस पर तत्कालीन मुख्य चयनकर्ता ने जवाब दिया कि वह इंडिया ए के मैच देखने ऑस्ट्रेलिया गए थे और उन्होंने पाया कि यंग विराट असाधारण था। वेंगसरकर ने बताया कि जवाब में श्रीनिवासन ने कहा कि बद्रीनाथ ने घरेलू क्रिकेट में तमिलनाडु के लिए 800 रन बनाए थे। इस पर वेंगसरकर ने उनसे कहा कि बद्री को मौका मिलेगा। श्रीनिवासन बोले कि कब मौका मिलेगा। वह 29 साल का है। इस पर वेंगसरकर ने जवाब दिया कि समय आने पर मौका मिलेगा। इसके बाद हुआ यह कि वेंगसरकर का पद चला गया और एन। श्रीनिवासन ने साउथ से आने वाले के। श्रीकांत को चीफ सेलेक्टर बना दिया। इस तरह दिलीप वेंगसरकर के चीफ सेलेक्टर करियर का अंत हो गया। वेंगसरकर के चयन समिति से हटने का नतीजा हुआ कि विराट को ओडीआई के बाद टेस्ट डेब्यू करने के लिए 4 साल इंतजार करना पड़ा। विराट ने 20 जून 2012 को वेस्टइंडीज के खिलाफ किंग्सटन में टेस्ट डेब्यू किया था।
दिलीप वेंगसरकर ने आगे कहा कि चयन समिति के द्वारा विराट कोहली के साथ बाद में भी कई तरह की नाइंसाफी हुई। कप्तानी के मामले में विराट कोहली सचिन तेंदुलकर से कहीं बेहतर थे। इसके बावजूद विराट को कप्तानी से हटाने के लिए राजनीति की गई। उन्हें टी-20 की कप्तानी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया और बाद में ओडीआई की कप्तानी से बर्खास्त कर दिया गया। वेंगसरकर ने कहा कि इंडियन टीम के इतिहास में विराट कोहली से बेहतर टेस्ट कैप्टन दूसरा कोई नहीं आया। जिस एग्रेसिव तरीके से आज इंग्लैंड खेल रहा है, विराट ने उसी आक्रामकता के साथ इंडियन टेस्ट टीम को लीड किया था। वह अगले 5 वर्षों तक आसानी से कप्तानी कर सकते थे। पर टीम का वातावरण ऐसा बना दिया गया कि विराट को कप्तानी छोड़नी पड़ी। अंत में दिलीप वेंगसरकर ने उम्मीद जताई कि इस सब के बावजूद विराट बल्लेबाजी से निरंतर बेहतर प्रदर्शन करके दिखाएंगे। 100 इंटरनेशनल शतक के पार जरूर जाएंगे।

































































































































































































































































































































































































































































































































































