प्रवीण कुमार खारीवाला
भोपाल। प्रदेश के सेवानिवृत भ्रष्ट अधिकारियों की फाइल एक बार फिर खुलने जा रही है। जीरो टॉलरेंस की नीति पर मोहन सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए इसके लिए चार सदस्यीय टीम गठित कर दी है। सामान्य प्रशासन विभाग में चार सीनियर आईएएस अधिकारियों को कमेटी में शामिल किया गया है। विभागीय जांच पर फैसला लेने के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कमेटी सिफारिश करेगी।
सूत्र बताते हैं कि इन अधिकारियों में पूर्व मुख्य सचिव का नाम भी शामिल है, जिनके खिलाफ हाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए थे। सीएम मोहन यादव ने टीएनसीपी के संचालक को उनकी मदद करने के कारण हटाया था, ऐसा बताया जाता है। पूर्व सीएम के कुछ सहयोगी वर्तमान में मंत्रालय पदस्थ हैं, इसलिए उनकी नींद भी उड़ी हुई है।
सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से गठित कमेटी में विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार, नर्मदा घाटी विकास विभाग के अपर प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौरा, राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव, विधि विभाग के सचिव उमेश पांडव को सदस्य बनाया गया है। यह समिति एक सप्ताह में मुख्य सचिव को अपना प्रतिवेदन पेश करेगी।