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बसपा ने कई सीटों पर बिगाड़े भाजपा-कांग्रेस के समीकरण, बुंदेलखंड, चंबल व विंध्य में बदला गणित

पंकज पाराशर

छतरपुर।मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) से गठबंधन के बाद भी बसपा बड़े नुकसान में रही। वर्ष 2018 की तुलना में पार्टी को प्राप्त मत प्रतिशत लगभग डेढ़ प्रतिशत घटा। एक भी सीट नहीं जीती पर पार्टी ने ग्वालियर-चंबल और विंध्य अंचल में कई सीटों पर भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार के जीत का गणित बदल दिया। सतना में भाजपा से अलग होकर बसपा से चुनाव लड़े रत्नाकर चतुर्वेदी को 33 हजार से अधिक मत मिले। यह लोकसभा सदस्य गणेश सिंह की यहां से हार की बड़ी वजह रही। इसी तरह अमरपाटन में मंत्री रामखेलावन पटेल के हारने का बड़ा कारण कारण यह है कि यहां से बसपा प्रत्याशी छंगेलाल 21 हजार से अधिक वोट ले गए। बता दें कि इस चुनाव में बसपा तीन सीटों पर दूसरे नंबर पर रही। इनमें नागौद, सिरमौर और सुमावली सीट शामिल है। चार सीटों पर निर्दलीय दूसरे नंबर पर रहे। वर्ष 1985 से अब तक की बात करें तो हर चुनाव में दो से लेकर आठ तक निर्दलीय जीतते आ रहे थे। नोटा को भी इस बार मात्र एक प्रतिशत मत मिले, जबकि पिछली बार पांच प्रतिशत मिले थे। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम में हाथी व साइकिल की रफ्तार धीमी रही ।
इन सीटों पर बसपा ने बिगाड़ा गणित
भिंड विधानसभा क्षेत्र– वर्ष 2018 में बसपा से जीते संजीव कुशवाह भाजपा में शामिल होने के बाद इस बार टिकट मांग रहे थे। टिकट नहीं मिलने पर वह फिर बसपा से लड़ गए। उन्हें 34 हजार 938 मत मिले, जिससे भाजपा-कांग्रेस का गणित बिगड़ा। यहां से भाजपा के नरेंद्र सिंह कुशवाह जीत गए।
छतरपुर विधानसभा क्षेत्र– यहां बसपा प्रत्याशी डीलमणि सिंह (बब्बू राजा) को 14 हजार से अधिक मत मिले। इससे कांग्रेस के आलोक चतुर्वेदी को नुकसान हुआ। यहां भाजपा की ललिता यादव जीत छह हजार 967 मतों से जीत गईं।
जौरा विधानसभा क्षेत्र– यहां बसपा के सोनेराम कुशवाह को 37 हजार 38 मत मिले। कांग्रेस के सूबेदार सिंह को ज्यादा हानि होने से भाजपा के पंकज उपाध्याय जीते।
कोलारस विधानसभा क्षेत्र– यहां बसपा उम्मीदवार नवल धाकड़ 26 हजार से अधिक मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे। उन्होंने अधिकतर मत कांग्रेस के बैजनाथ सिंह यादव के काटे। भाजपा के महेंद्र यादव की जीत हुई।
लहार विधानसभा क्षेत्र– भाजपा से अलग होकर बसपा से लड़े रसाल सिंह को 31 हजार 348 मत मिले। जातिगत समीकरण के चलते कांग्रेस के गोविंद सिंह के मत कटे, जिससे भाजपा के अंबरीश शर्मा 12 हजार 397 मत से जीत गए।
मैहर विधानसभा क्षेत्र– बसपा उम्मीदवार बृजेन्द्र कुशवाहा ने 30 हजार 732 मत प्राप्त किए। कांग्रेस के धर्मेश घई नुकसान में रहे, जिससे भाजपा के श्रीकांत चतुर्वेदी 21 हजार से अधिक मत से जीत गए।
सतना विधानसभा क्षेत्र– नामांकन के चंद दिन पहले भाजपा से टूटकर बसपा में शामिल हुए रत्नाकर को चतुर्वेदी 33 हजार 567 वोट मिले। भाजपा प्रत्याशी गणेश सिंह के वोट कटने से कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाह चार हजार 41 मत से जीत गए।
अमरपाटन विधानसभा क्षेत्र– बसपा के छंगेलाल कोल को 21 हजार 317 मत मिले। जातिगत समीकरण के चलते इनमें अधिकतर वोट भाजपा उम्मीदवार राम खेलावन पटेल के माने जा रहे हैं। इस कारण कांग्रेस राजेंद्र सिंह जीत गए।
चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र– यहां कांग्रेस उम्मीदवार नीलांशु चतुर्वेदी के हारने की बड़ी वजह यह है कि बसपा के सुभाष शर्मा (डोली) 31 हजार 797 मत पा गए। ब्राह्मण वोट बंटने से भाजपा के सुरेंद्र सिंह गहरवार जीत गए।
मुरैना विधानसभा क्षेत्र– यहां से बसपा प्रत्याशी राकेश रुस्तम सिंह को 37 हजार 187 मत मिले। भाजपा के रघुराज सिंह कंसाना को ज्यादा हानि होने से कांग्रेस के दिनेश गुर्जर 18 हजार से अधिक मत से जीत गए।

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