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हाथी पर सवार होकर आयेगी माता रानी  

  • बुधादित्य योग पूरे नौ दिन
  • राशि व नक्षत्र के परिवर्तन से बाजार पर असर पड़ेगा
  •  साधना उपासना के लिए नक्षत्र का विशेष योग लाभ देनें वाला होगा

इंदौरःशारदीय नवरात्र पूरे उत्तरी और पूर्वी भारत में बहुत उत्साह पूर्वक श्रध्दा के साथ मनाया जाता हैं।इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर 2023 रविवार से आरंभ हो रही हैं।महाष्टमी 22 अक्टूबर रविवार को और महानवामी 23 अक्टुबर सोमवार को हैं।इस सन्दर्भ में मालवा के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. अशोक शास्त्री ने एक विशेष भेंट में बताया की इस वर्ष शारदीय नवरात्र की शुरुआत रविवार से हो रही हैं।जब नवरात्रि रविवार से शुरू होती हैं तो माता का वाहन हाथी होता हैं।हाथी पर आगमन अधिक वर्षा का संकेत देता हैं।साथ ही अगर नवरात्रि का समापन सोमवार को हो रहा हैं तो,माँ दुर्गा भैंसें पर सवार होकर जाती हैं।जिसे शुभ नहीं माना जाता हैं।इससे देश में शोक और रोग बढ़ते हैं।
इसके साथ चित्रा नक्षत्र और तुला राशि के चन्द्रमा में आरंभ हो रही हैं।साथ सूर्य बुध का कन्या राशि में भ्रमण से बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा हैं,जो पूरी नवरात्रि में रहेगा। अश्विन शुक्ल प्रतिपदा से विशेष मुहूर्त में घटस्थापना से शक्ति की आराधना की शुरुआत होती है।इस वर्ष नवरात्रि बिना किसी क्षय तिथि के पूरे नवदिवस रहने से और शुभ योग से आराधना का बहुत शुभ फल प्राप्त होगा।
डॉ.अशोक शास्त्री ने बताया की नवरात्रि के प्रथम दिवस बुधादित्य योग बन रहा हैं।रविवार और बुधादित्य का संयोग बहुत महत्वपूर्ण हैं।मान, प्रतिष्ठा और पराक्रम में वृद्धि के लिए पूरी नवरात्रि बहुत लाभदायक रहेगी।
डॉ.अशोक शास्त्री के मुताबिक नवरात्रि में नक्षत्र एवं राशि के परिवर्तन होंगे।घट स्थापना के दूसरे दिन शनि का घनिष्ठा नक्षत्र के चतुर्थ चरण में प्रवेश करेंगे।17 अक्टूबर को सूर्य तुला राशि में भ्रमण शुरू करेंगे।शुक्र पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।18 को बुध तुला राशि में आयेंगे।नक्षत्र व राशि का परिवर्तन व्यापार की रूपरेखा तय करने वाले होंगे।इस समय व्यापार में उछाल आ सकता हैं।वहीं शनि के नक्षत्र चरण परिवर्तन रुके कार्यों में प्रगति लाएगा।शुक्र के नक्षत्र परिवर्तन से समृद्धि बढ़ेगी।बुध के तुला राशि में प्रवेश से विदेशी व्यवसाय को बढ़ाने के साथ स्टार्टप में वृद्धि होगी।

                  अक्टूबर माह के पर्व

15  अक्टूबर रविवार शारदीय नवरात्र का आरंभ

19  अक्टूबर गुरुवार ललिता पंचमी

22  अक्टूबर रविवार महाष्टमी

23  अक्टूबर सोमवार महानवमी

24  अक्टूबर मंगलवार विजया दशमी , शमी पूजन

26  अक्टूबर गुरुवार सर्वार्थ सिद्धि योग प्रातः 06:31 से सायं 05:58 बजे तक

27 अक्टूबर शुक्रवार अमृत सिद्धि योग प्रातः 09:31 से रात्रि पर्यंत

28 अक्टूबर शनिवार शरद पूर्णिमा

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