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रतलाम मंडल ने रचा इतिहास 

पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल ने रतलाम जंक्शन पर आधुनिक इलेक्ट्रॉ्निक इंटरलॉकिंग (ई.आई.) का इंस्टॉलेशन, यार्ड रिमॉडलिंग एवं प्लेटफॉर्म संख्या 7 को मुम्ब‍ई एंड से जोड़ने का कार्य किया पूरा

पीपीएम ब्यूरो

इन्दौर।मुम्‍बई-दिल्‍ली मुख्‍य रेल मार्ग पर नागदा-गोधरा खंड में स्थित रतलाम जंक्शन रेलवे स्टेशन पश्चिम रेलवे मंडल का एक महत्वपूर्ण स्टेशन है। जहॉं से प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में राजधानी सहित मेल/एक्स‍प्रेस/पैसेंजर एवं मालगाडियों का परिचालन किया जाता है।  इस स्टेशन से जहॉं एक ओर दाहोद की ओर ट्रेने जाती है वहीं दूसरी ओर कोटा,भोपाल, इंदौर एवं चित्तौड़गढ़ के लिए ट्रेनों का परिचालन किया जाता है।रतलाम स्‍टेशन पर इलेक्‍ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग(ई.आई.) एवं यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य काफी लंबे समय से किया जाना प्रस्‍तावित था जिसे 25 दिसम्‍बर, को पूरा किया गया।

रतलाम मंडल के रतलाम जंक्‍शन स्‍टेशन पर 37 वर्ष पुरानी आरआरआई(रूट रिले इंटरलॉकिंग) एवं पैनल बेस्‍ड इंटरलॉकिंग सिंस्‍टम की जगह नई आधुनिक इलेक्‍ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग(ई.आई.)  एवं कम्‍प्‍यूटराइज्‍ड पैनल बेस्‍ड
ऑपरेशन के इंस्‍टॉलेशन का कार्य सिगनल विभाग की टीम द्वारा पूर्ण किया गया। इसके साथ ही इनडोर एवं आउट डोर सिगनलिंग गियर्स के प्लेसमेंट का कार्य पूर्ण किया गया। 371 रूट्स वाली ई.आई. प्रणाली इस वित्तीय वर्ष में
पश्चिम रेलवे की सबसे बड़ी इलेक्‍ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग(ई.आई.) इंस्टॉलेशन है साथ ही यह इंस्टॉलेशन पश्चिम रेलवे का तीसरा सबसे बड़ा ई आई इंस्‍टॉलेशन भी है। रतलाम स्‍टेशन पर इलेक्‍ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग(ई.आई.) कार्य के
साथ-साथ यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य भी पूर्ण किया गया है। यार्ड रिमॉडलिंग कार्य के पश्चात मुंबई-चित्तौड़गढ-मुंबई यात्री ट्रेनों का परिवहन प्लेटफॉर्म नंबर 07 जो रेलवे कॉलोनी साइड में स्थित है,से किया जा सकेगा। साथ में दिल्‍ली-मुम्‍बई रूट की ट्रेनों के परिवहन को सुगम बनाने के लिए दाहोद एंड की तरफ 3 नई लाइनों को कमिशन किया गया है। इसके साथ ही रतलाम ए केबिन के पैनल इंटरलॉकिंग के स्थान पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त
इलेक्‍ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग(ई.आई.) का इंस्‍टॉलेशन किया गया है। इलेक्‍ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग(ई.आई.)  रेलवे की अत्याधुनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली है जिसमें फॉल्ट काफी कम होते हैं तथा फॉल्ट होने पर उसे आसानी से पता लगाकर तत्काल समाधान किया जा सकता है।

रतलाम यार्ड रिमॉडलिंग के साथ रतलाम स्‍टेशन के प्‍लेटफार्म क्रमांक 7 को मुम्‍बई एंड से जोड़ने का कार्य भी पूरा कर लिया गया है। इससे दाहोद की ओर से आने वाली तथा मंदसौर की ओर जाने वाली ट्रेनों का प्लेटफार्म संख्या
7 से परिचालन किया जा सकेगा, प्लेटफॉर्म संख्या 5/6 से ट्रेनों का लोड कम होगा एवं यात्रियों की भीड़ में भी कमी आएगी, यार्ड में ट्रेनों का कंजेशन में कमी आएगी, प्लेंटफार्म क्रमांक 7 की उपयोगिता बढ़ेगी, प्लेटफार्म क्रमांक 07 से दाहोद-रतलाम-मंदसौर मार्ग की ट्रेने चलने से इस मार्ग पर चलने वाले सामान्य यात्रियों के साथ ही साथ दिव्यांग, वरिष्ठ एवं बीमार यात्रियों को ऊपरी पैदल पुल पार करने की समस्या से मुक्ति मिलेगी, दाहोद की ओर से आने वाली तथा मंदसौर की ओर जाने वाली ट्रेनों के लिए एक अतिरिक्त पाथ मिलेगा।
इलेक्‍ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग(ई.आई.) एवं यार्ड रिमॉडलिंग कार्य के दौरान अक्‍सर देखा जाता है कि बड़ी संख्‍या में ट्रेनों को निरस्‍त एवं परिवर्तित मार्ग से चलाया जाता है लेकिन रतलाम मंडल के विभिन्‍न विभागों के आपसी समंजस्‍य एवं कुशल प्रबंधन के कारण काफी कम संख्‍या में यात्री ट्रेनों का निरस्‍त/शॉर्ट टर्मिनेट/मार्ग परिवर्तन किया गया, जिसके कारण यात्रियों को अधिक पेरशानी का सामना नहीं करना पड़ा ।


रतलाम इलेक्‍ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग(ई.आई.) एवं यार्ड रिमॉडलिंग का यह कार्य रलवे बार्ड द्वारा चलाये जा रहे रोलिंग ब्‍लॉक प्रोग्राम के तहत प्‍लान करके रतलाम मंडल की सिगनल, गतिशक्ति, इंजीनियरिंग, टीआरडी एवं ऑपरेटिंग
विभाग की टीमों ने मिलकर किया है। 25 दिसम्‍बर, को मंडल रेल प्रबंधक रजनीश कुमार द्वारा मंडल के अन्‍य अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में इलेक्‍ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग(ई.आई.) का शुभारंभ किया गया तथा
इलेक्‍ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग(ई.आई.) होने के बाद प्‍लेटफार्म क्रमांक 5 से पहली गुड्स ट्रेन को सिगनल देकर रवाना किया गया।

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