लाड़ली-लक्ष्मी और लाड़ली-बहना ने दिलाया भारी बहुमत, इसकी ‘केस-स्टडी’ हो-शिवराज सिंह चौहान

मोहन यादव के नेतृत्व में भाजपा सरकार जो काम चल रहे हैं, उन्हें पूरा करेगी।
- प्रधानमंत्री जी, केंद्रीय एवं प्रदेश नेतृत्व का आभार, नवनियुक्त सीएम व डिप्टी सीएम को बधाई
- मध्यप्रदेश नई ऊंचाइयां छुएगा, मैं सदैव सीएम और सरकार का सहयोग करता रहूंगा
- बीमारू से बनाया विकसित मध्यप्रदेश, अंधेरों से निकाल प्रदेश को उजालों की नई दुनिया में लाए
- कृषि में हुआ चमत्कारिक विकास, यही बना प्रदेश की प्रगति का आधार
- महिला सशक्तिकरण मेरी अंतरात्मा की आवाज है, वोटों का जरिया नहीं
- मेरे बारे में फैसला पार्टी करेगी, अपने लिए कुछ मांगने से बेहतर मरना पसंद करूंगा
पीपीएम ब्यूरो
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शिवराज सिंह चौहान जी ने मंगलवार को पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए।इस दौरान उन्होंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में किए गए कार्यो के बारे में बात की और कहा कि भाजपा मेरा मिशन है। मेरे बारे में फैसला पार्टी करेगी। शिवराज सिंह ने कहा कि दरिद्र नारायण की सेवा का मेरा मिशन चलता रहेगा। मामा का रिश्ता पाया का है। भैया का रिश्ता विश्वास का है, ये रिश्ते मैं टूटने नहीं दूंगा। जनता की सेवा ही मेरे लिये पूजा है।
उन्होंने कहा कि, ‘विश्वास है कि मोहन यादव के नेतृत्व में भाजपा सरकार जो काम चल रहे हैं, उन्हें पूरा करेगी। प्रगति की दृष्टि से मध्यप्रदेश नई ऊंचाइयां छुएगा। मैं सदैव उनका सहयोग करता रहूंगा।
चौहान ने कहा कि 2003 में उमा जी के नेतृत्व में भारी बहुमत से बनी भाजपा सरकार के तिरंगा प्रकरण में उमा जी के पद छोड़ने के बाद गौर साहब मुख्य मंत्री बने। उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि उसके बाद से साढ़े अठारह वर्ष तक भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाए रखा।
*मेरे बारे में फैसला पार्टी करेगी, अपने लिए कुछ मांगने से बेहतर मरना पसंद करूंगा*
एक सवाल के जवाब में चौहान ने कहा कि एक बात मैं बड़ी विनम्रता के साथ कहता हूं, अपने लिए कुछ मांगने जाने से बेहतर, मैं मरना समझूंगा; वह मेरा काम नहीं है इसलिए मैंने कहा था, मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा” उन्होंने कहा कि भाजपा मेरा मिशन है। मेरे बारे में फैसला पार्टी करेगी। उन्होंने कहा कि दरिद्र नारायण की सेवा का मेरा मिशन चलता रहेगा।
*लाड़ली-लक्ष्मी और लाड़ली-बहना ने दिलाया भारी बहुमत, इसकी ‘केस-स्टडी’ हो*
चौहान ने बताया कि 2008 में जनता के आशीर्वाद से हम फिर सरकार लेकर आए। इसके बाद हमने अपने कार्य से 2013 में भी जनता का आशीर्वाद पाया। 2018 में हमें वोट ज्यादा मिले, लेकिन सीटों के गणित में पिछड़ गए। चौहान ने भावुक होते हुए कहा, ‘आज मैं यहां से विदाई ले रहा हूं। मेरा मन आत्मसंतुष्टि से भरा हुआ है। केंद्र और राज्य की कल्याणकारी योजनाओं, लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहना की बदौलत इस बार फिर सरकार बनी। इस भारी बहुमत वाली सरकार को 48.55% रिकार्ड वोट मिले’। ‘लाड़ली-बहना’ योजना के 6 माह के अंदर बनने और सफलतापूर्वक क्रियान्वित हो जाने की कहानी को केस-स्टडी के तौर पर लिया जाना चाहिए।
*बीमारू से बनाया विकसित मध्यप्रदेश, अंधेरों से निकाल प्रदेश उजालों की नई दुनिया में लाए*
हमें विरासत में एक पिछड़ा और बीमारू मध्यप्रदेश मिला था। हमने विकास और प्रगति का लंबा सफर तय किया। इन वर्षों में मैंने मुझ में जितनी क्षमता थी, जितना सामर्थ्य था, पूरा झोंक कर अपने प्रदेश के विकास और जनता के कल्याण के लिए काम किया। पूरी प्रामाणिकता, ईमानदारी, परिश्रम के साथ अपनी प्राणों से प्यारी जनता का कल्याण हो, इसमें अपने आप को झोंक दिया।
*कृषि में हुआ चमत्कारिक विकास, यही बना प्रदेश की प्रगति का आधार*
अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि कृषि के क्षेत्र में 159 लाख टन से उत्पादन बढ़कर 619 लाख मीट्रिक टन होने का चमत्कार भी भाजपा सरकार ने किया है। यही चमत्कार मध्यप्रदेश के विकास का आधार भी बना। उन्होंने बताया कि सरकार के प्रयासों से मध्यप्रदेश की पर कैपिटा-इनकम 11 हजार प्रतिवर्ष से बढ़कर 1.40 लाख रुपए तक हो गई। जो जीएसडीपी( GSDP )मात्र 71 हजार करोड़ हुआ करती थी वह आज बढ़ कर 14 लाख करोड़ रुपए के भी पार हो गई है। साथ ही औद्योगिक विकास की दर भी बढ़ कर 24 प्रतिशत हो गई है।
*महिला सशक्तिकरण मेरी अंतरात्मा की आवाज है, वोटों का जरिया नहीं*
शिवराज सिंह चौहान ने महिला सशक्तिकरण को अपनी अंतरात्मा की आवाज निरूपित करते हुए कहा कि ये मेरे लिए वोट प्राप्त करना का ज़रिया नहीं था। बचपन में बेटियों के कोख में मारे जाने की दुर्दशा देख उपजी पीड़ा से लाड़ली-लक्ष्मी योजना का जन्म हुआ। इसके बाद कन्या विवाह, स्थानीय निकायों में आरक्षण और लाड़ली-बहना जैसी योजनाओं से क्रांतिकारी परिवर्तन हुए। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में आए सकारात्मक परिवर्तन से सिद्ध हुआ कि ये योजनाएं कागज़ी नहीं है। श्री चौहान ने बताया 2017 में बैगा-भारिया जनजातियों के लिए बना आहार सहायता योजना से पोषण का स्तर सुधरा और यही लाड़ली-बहना योजना का आधार बनी। कृषि सुधारों के साथ किसान एवं गरीब कल्याण की योजनाओं ने भी कृषि व सामाजिक क्षेत्रों में सुधार किया है। कोविड-काल में भी हमने सुचारु उपचार के साथ ही मध्यप्रदेश की धरती पर मजदूरों को पैदल नहीं चलने दिया।
*लिपट कर रोईं बहनें तो भावुक हुए शिवराज*
प्रेस वार्ता से पूर्व शिवराज सिंह से बहनों ने मुलाकात की। महिलाएं भैया शिवराज जी से लिपटकर फूट-फूट कर रोईं। मुलाकात करने आईं बहनें जब रुंधे गले से बोलीं, कि आप सबके चहेते हो, हम आपको नहीं छोड़ेंगे। बात ये है कि बहनों ने आपको चुना है, हमने आपको चुना है। आप मध्यप्रदेश से कहीं मत जाना।’ इस पर भावुक हुए शिवराज बोले, ‘मैं भी कहां जा रहा हूं, मैं भी नहीं छोड़ूंगा।’