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अंक ज्योतिष से ढूंढ सकते है अपना खोया समान

रजनी खेतान

इन्दौर।सामान का खोना/चोरी होना आज के समय मे सामान्य बात है। परन्तु हमारे ऋषि मुनियों ने व पूर्वजों ने वैदिक काल में सामान्य जनमानस के लाभार्थ ऐसे कई सूत्रों को बनाया है जिससे हम लाभ ले सकते है, इसी विधा के अन्तर्गत अंक शास्त्र में वर्णित यह विधा से आप रहस्य जान सकते है |
अंक विद्या में गुम हुई वस्तु के बारे में प्रश्र किया जाए तो उसका जवाब बहुत हद तक सच साबित होता है। जैसे सर्व प्रथम आप 1 से 108 के बीच का एक अंक मन मे सोचे। और उस अंक को 9 से भाग दें। शेष जो अंक आये तो आगे लिखे अनुसार उसका उत्तर होगा।
शेष अंक 1 ( सूर्य का अंक है ) -पूर्व में मिलने की आशा है।
शेष अंक 2 ( चंद्र का अंक है ) -वस्तु किसी स्त्री के पास होने कीआशा है पर वापस नहीं मिलेगी।
शेष अंक 3 ( गुरु का अंक है ) वस्तु वापिस मिल जायेगी। मित्रों और परिवार के लोगों से पूछें।
शेष अंक 4 ( राहु का अंक है ) ढूढ़ने का प्रयास व्यर्थ है। वस्तु आप की लापरवाही से खोई है।
शेष अंक 5 ( बुध का अंक है ) आप धैर्य रख्खें वस्तु वापस मिलने की आशा है।
शेष अंक 6 ( शुक्र का अंक है ) वस्तु आप किसी को देकर भूल गए हैं। घर के दक्षिण पूर्व या रसोई घर में ढूंढने की कोशिश करें।
शेष अंक 7 ( केतु का अंक है ) चिंता न करें खोई वस्तु मिल जायेगी।
शेष अंक 8 ( शनि का अंक है ) खोई वस्तु मिलने की आशा नहीं है। वस्तु को भूल जाएँ तो अच्छा है।
शेष अंक 9 या 0 ( मंगल का अंक है ) यदि खोई वस्तु आज मिल गई तो ठीक अन्यथा मिलने की कोई आशा नहीं है।
उदाहरण :- के लिए अगर प्रश्नकर्ता ने 83 अंक कहा है तो 83 को 9 से भाग दें 83÷9 = 2 शेष आया 2 जो चंन्द्र का अंक है। वस्तु किसी स्त्री के पास है पर वापस प्राप्त नही होगी।

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