#ज्योतिष-अध्यात्म आपके लिए वरदान है नौ ग्रह, कमजोर ग्रह को कर सकते है मंत्रो से मजबूत पं.नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (9993652408) इंदौर।ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रह बताएं गए हैं, जिनकी चाल का सीधा असर व्यक्ति के जीवन adminppm / 1 year Comment (0) (32)
#ज्योतिष-अध्यात्म श्री कालभैरव अष्टमी: जिनके दर्शन मात्र से भय मुक्त हो जाता है प्राणी आचार्य डॉ विजय शंकर मिश्र श्री भैरव के अनेक रूप हैं जिसमें प्रमुख रूप से बटुक भैरव, महाकाल भैरव तथा adminppm / 1 year Comment (0) (91)
#ज्योतिष-अध्यात्म जन्मकुंडली: नवम भाव भाग्य का घर आचार्य डॉ0 विजय शंकर मिश्र कुंडली के तीनो त्रिकोण भावो में नवम भाव सबसे शुभ त्रिकोण भाव है।🔸धर्म, कर्म, भाग्योउन्नति adminppm / 1 year Comment (0) (34)
#ज्योतिष-अध्यात्म राजयोग कब: अच्छे समय का गणितीय आकलन आचार्य डॉ विजय शंकर मिश्र हर इंसान को अपने अच्छे समय की प्रतीक्षा रहती है। आखिर ऐसा समय कब आएगा adminppm / 1 year Comment (0) (39)
#ज्योतिष-अध्यात्म गीता में श्री कृष्ण ने कहा है मासों में मैं “मार्गशीर्ष” हूँ| आचार्य डॉ0 विजय शंकर मिश्र मार्गशीर्ष (अहगन) मास का महत्त्व, चन्द्र माहों की श्रेणी में मार्गशीर्ष माह नवें स्थान पर adminppm / 1 year Comment (0) (38)
#ज्योतिष-अध्यात्म कैसा मिलेगा जीवन साथी कब तक होगा विवाह ? डॉ0_विजय_शंकर_मिश्र लखनऊ। अच्छा जीवनसाथी मिल जाने से जीवन सुखी हो जाता है तो आज इसी बारे में बात करते है adminppm / 1 year Comment (0) (36)
#ज्योतिष-अध्यात्म #भारत बैकुंठ चौदस:भगवान विष्णु(हरि) और भगवान शिव(हर) का मिलन आचार्य डॉ0 विजय शंकर मिश्र कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को बैकुंठ चौदस के नाम से जाना जाता adminppm / 1 year Comment (0) (51)
#ज्योतिष-अध्यात्म शुक्र प्रदोष:गरीबी, मृत्यु , दु:ख और ऋणों से मुक्ति का मार्ग आचार्य डॉ0 विजय शंकर मिश्र प्रत्येक चन्द्र मास की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखने का विधान है. यह adminppm / 1 year Comment (0) (61)
#ज्योतिष-अध्यात्म #भारत तुलसी विवाह विशेष:उत्तिष्ठ गोविन्द त्यज निद्रां जगत्पतये।त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत् सुप्तं भवेदिदम्॥उत्थिते चेष्टते सर्वमुत्तिष्ठोत्तिष्ठ माधव।गतामेघा वियच्चैव निर्मलं निर्मलादिशः॥ आचार्य डॉ विजय शंकर मिश्र भगवान विष्णु के स्वरुप शालिग्राम और माता तुलसी के मिलन का पर्व तुलसी विवाह हिन्दू adminppm / 1 year Comment (0) (76)
#ज्योतिष-अध्यात्म आंवला नवमी: व्रत, पूजा, तर्पण और अन्नादिका दान करने से होती है अनन्त फल की प्राप्ति डॉ0_विजयशंकर मिश्र कार्तिक मास के शुक्लपक्ष में जो नवमी आती है, उसे अक्षयनवमी,आँवला नवमी कहते हैं। नारदपुराण के _अनुसार कार्तिकेशुक्लनवमीयाऽक्षयासाप्रकीर्तता adminppm / 1 year Comment (0) (44)